लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : स्थानीय प्रशासन व खनन माफियाओं के मध्य गठजोड़ बन्धन होने से मद्महेश्वर घाटी में मध्य बहनें वाली मधु गंगा में अवैध खनन का करोबार दिन दहाड़े खूब फल – फूल रहा है। स्थानीय प्रशासन की सह पर खनन माफियाओं ने मधु गंगा के सीने को छलनी कर दिया है तथा खनन माफिया खूब चांदी काट रहे हैं। आलम यह है कि रात्रि के समय स्थानीय प्रशासन से हरी झंडी मिलने के बाद खनन से लदे वाहनों की आवाजाही शुरू होती है। क्षेत्रीय जनता द्वारा अवैध खनन पर अंकुश लगाने की मांग लम्बे समय से की जा रही है मगर खनन माफियाओं व स्थानीय प्रशासन के मध्य गठजोड़ गठबंधन होने से मधु गंगा में हो रहे अवैध खनन पर रोक नहीं लग पा रहा है।
बता दें कि खनन माफियाओं का मधु गंगा के आंचल से दशकों पूर्व का नाता रहा है। पूर्व में शासन स्तर सरकारी भूमि पर निजी पट्टों को स्वीकृति मिलने से प्रदेश सरकार को खासा राजस्व मिलने के साथ स्थानीय युवाओं को भी स्वरोजगार के अवसर मिलते थे, मगर विगत 30 जून को सरकारी भूमि पर स्वीकृत निजी पट्टों की अवधि समाप्त होने के बाद खनन माफिया फिर से मधु गंगा के सीने को छलनी करने लग गए हैं। मद्महेश्वर घाटी से मिले सूत्रों के अनुसार मधु गंगा के विभिन्न स्थानों पर दिन – दहाड़े अवैध खनन होना आम बात बनी हुई है तथा खनन माफिया बेरोक – टोक मधु गंगा के आंचल को छलनी करने पर तुले हैं। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि मधु गंगा में अवैध खनन पर रोक लगाने की शिकायत कई बार स्थानीय प्रशासन से की गयी है मगर खनन माफियाओं व स्थानीय प्रशासन के मध्य गठजोड़ गठबंधन होने से अवैध खनन के कारोबार पर अंकुश नही लग पा रहा है।
नाम न छापने की शर्त पर कुछ ग्रामीणों ने बताया कि रात्रि के समय स्थानीय प्रशासन के उच्चाधिकारियों के सिग्नल मिलने के बाद ही अवैध खनन से लदे वाहनों की आवाजाही शुरू होती है तथा रात्रि के समय बिजली गुल होने पर अवैध खनन से लदे वाहनों की आवाजाही में वृद्धि होना आम बात बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन की सह पर खनन माफियाओं के हौसले सातवें आसमान पर हैं तथा खनन माफियाओं को स्थानीय प्रशासन का संरक्षण मिलने से ग्रामीण मौन रहने में भलाई समझते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन द्वारा मन्दाकिनी नदी पर विभिन्न स्थानों पर निजी पट्टो को स्वीकृति दी जा चुकी है मगर मधु गंगा में निजी पट्टों को स्वीकृति न मिलने से जुगासू पुल के ऊपरी हिस्से सहित मधु गंगा के आंचल में अवैध खनन जारी रहने से खनन माफिया खूब चांदी काट रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन पूर्व की भाँति मधु गंगा में भी निजी पट्टों को आवंटित करता है तो स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलने ,प्रदेश सरकार को खासा राजस्व मिलने के साथ ही अवैध खनन पर रोक लग सकता है। वहीं दूसरी ओर तहसीलदार प्रदीप नेगी का कहना है कि राजस्व उपनिरीक्षक कालीमठ व ऊखीमठ को अवैध खनन वाले इलाको के स्थलीय निरीक्षण करने के आदेश जारी किये गये हैं तथा शीघ्र अवैध खनन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।