लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : मद्महेश्वर घाटी के ग्रामीणों की अराध्य देवी भगवती राकेश्वरी की तपस्थली रासी गाँव में 22 वर्षों बाद आयोजित दो दिवसीय भगवती नन्दा के पौराणिक जागरों का समापन भावुक क्षणों, भगवती नन्दा मूर्ति विसर्जित व सामूहिक भोज के साथ हो गया है।
मंगलवार को विद्वान आचार्य रोशन देवशाली व विपिन सेमवाल ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाएं सम्पन्न कर भगवती राकेश्वरी, भगवती नन्दा, भगवान मदमहेश्वर सहित तैतीस कोटि देवी – देवताओं का आवाह्न किया तथा रात्रि 8 बजे से पूर्ण सिंह पंवार व शिवराज सिंह पंवार के नेतृत्व में पौराणिक जागरों का शुभारंभ किया गया। रात्रि भर पौराणिक जागरों के माध्यम से भगवती नन्दा के जन्म से लेकर हिमालय भ्रमण की महिमा का गुणगान किया गया। बुधवार को सुबह आठ बजे से महिलाओं के कीर्तन भजनों से भगवती नन्दा की महिमा का गुणगान किया गया तथा दोपहर को भगवती नन्दा ने सामूहिक भोज का निरीक्षण कर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया तथा भगवती नन्दा की मूर्ति को जगत कल्याण के लिए प्राकृतिक जल स्रोत पर विसर्जित किया गया। भगवती नन्दा की मूर्ति विदा होने पर महिलाओं की आंखे छलक उठी तथा महिलायें दूर – दूर तक भगवती नन्दा को भावुक क्षणों से विदा करती रही। पौराणिक जागरों में प्रतिभाग करनी पहुंची केदारनाथ विधानसभा की नवनिर्वाचित विधायक आशा नौटियाल ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठान मिलन के त्योहार होते हैं तथा धार्मिक अनुष्ठानों के आयोजन से ग्रामीणों में भाईचारा व आपसी सौहार्द बना रहता है।
राकेश्वरी मन्दिर समिति अध्यक्ष जगत सिंह पंवार ने बताया कि पौराणिक जागरों में पांच हजार से अध्यक्ष श्रद्धालुओं ने शामिल होकर पुण्य अर्जित किया। इस मौके पर राज्य महिला आयोग सदस्य दर्शनी पंवार, निवर्तमान प्रधान कुन्ती नेगी, बिक्रम सिंह नेगी, दलवीर नेगी, भगवती प्रसाद भटट्, नरेन्द्र भटट्, मन्दिर समिति उपाध्यक्ष मदन भटट्, शिव सिंह रावत, कुवर सिंह रावत, जीतपाल सिंह पंवार, प्रकाश पंवार, बिक्रम सिंह रावत, राकेश नेगी, अवतार सिंह राणा, मानवेन्द्र भटट्, ईश्वरी प्रसाद भटट्, रविन्द्र भटट्, लवीश राणा, दलीप रावत, सूरज भटट्, बलवीर भटट्, रणजीत रावत, कार्तिक खोयाल सहित विभिन्न गांवों के जनप्रतिनिधि व आठ जुला गांवों के हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।