ऊखीमठ : तुंगनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 4 नवंबर को होंगे बंद

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी 

ऊखीमठ : हिमालय में सबसे ऊंचाई पर विराजमान तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट आगामी 4 नवम्बर को शुभ लगनानुसार वेद ऋचाओं के साथ शीतकाल के लिए बन्द किये जायेंगे। कपाट बन्द होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली कैलाश से शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ के लिए रवाना होकर प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी।

इस बार भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भनकुण्ड में एक रात्रि अतिरिक्त रात्रि प्रवास करेगी। भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली आगामी 7 नवम्बर को शीतकालीन गद्दी मक्कूमठ में विराजमान होगी तथा 8 नवम्बर से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विधिवत शुरू होगी। वही दूसरी ओर तुंगनाथ धाम में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का आकड़े ने इस बार नया कीर्तिमान स्थापित किया है तथा अभी तक 1 लाख 55 हजार से अधिक तीर्थ यात्री तुंगनाथ धाम में पूजा – अर्चना व जलाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना कर चुके हैं। बद्री केदार मन्दिर समिति के वरिष्ठ प्रसाशनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि इस बार भगवान तुंगनाथ के कपाट आगामी 4 नवम्बर को शुभ लगनानुसार वेद ऋचाओं के साथ शीतकाल के लिए बन्द किये जायेंगे तथा मन्दिर समिति द्वारा दो नवम्बर से कपाट बन्द होने की तैयारियां शुरू कर दी जायेगी। उन्होंने बताया कि कपाट बन्द होने से पूर्व युगों से चली आ रही परम्परा के अनुसार भगवान तुंगनाथ के स्वंयभू लिंग को ब्रह्म कमल, भृंगराज, चन्दन, पुष्प, अक्षत्र , भस्म सहित अनेक प्रकार के फलों से समाधि दी जायेगी तथा भगवान त्रिलोकीनाथ शीतकाल के 6 माह जगत कल्याण के लिए तपस्यारत हो जायेगें। बताया कि भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली कैलाश से शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ के लिए रवाना होगी तथा सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि 5 नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर बनियाकुण्ड,दुगलविट्टा मक्कू बैण्ड यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए हूण्डू व बनातोली पहुंचेगी जहाँ पर ग्रामीणों द्वारा परम्परानुसार अर्घ्य लगाकर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की जायेगी तथा देर सांय भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली दो रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंचेगी तथा 7 नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी तथा 8 नवम्बर से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा विधिवत शुरू होगी। तुंगनाथ धाम के प्रबन्धक बलवीर नेगी ने बताया कि तुंगनाथ धाम में इस बार तीर्थ यात्रियों के आकड़े ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है तथा अभी तक 1 लाख 55 हजार तीर्थ यात्री तुंगनाथ धाम में पूजा – अर्चना व जलाभिषेक कर मनौती मांग चुके है।

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