कन्या भ्रूण की पुकार
मां तू मुझको जन्म तो दे दे
मत देना तू मां भले ही प्यार
मत देना पापा मुझको अपना स्नेह भरा दुलार।
सिर्फ कर दो मुझ पर ये उपकार मुझको इस दुनिया में ले आओ।
तेरे इस आंगन में मुझको थर- थर थर -थर है थिरकना ,
तेरे इस आंचल में मां ,सूरज की किरणों सा झल- झल झल- झल है झलकना।
तेरी छोटी सी कुटिया में मां एक कोना ढूंढ निकालूंगी
अपने साथ खुशियों की माला तेरे गले पहनाऊंगी।
तेरी आंखें खुली की खुली रह जाएगी मां,
जब दुनिया को मैं यह बताऊंगी,
बेटियां भी आत्मनिर्भर होती है
वो बोझ नहीं है किसी पर।
मां मत लाना मुझको तू पायल
बिन पायल रह जाऊंगी,
मत सुनाना मुझको तू लोरी
बिन लोरी सो जाऊंगी,
छोटे-छोटे कामों में मां मैं तेरा हाथ बटाऊंगी
मैं तेरा हाथ बटाऊंगी।
कहते हैं तेरे निर्मल हृदय से अगर पत्थर भी टकरा जाए तो
वह चूर चूर हो जाता है,
तेरे आंचल में तो यह पूरा
संसार समा कर भी कम पड़ जाता है।
मां तू मुझको जन्म तो दे दे
मां तू मुझको जन्म तो दे दे
इस अंधियारे संसार की मैं
एक चमकती तलवार बनूंगी
इन अत्याचारों पर मां,
मैं जमकर वार करूंगी
आ खडी हो जाए मौत अगर सामने
मैं फिर भी ना कराऊंगी
इन अत्याचारों पर मां मैं जमकर वार करूंगी |
मां तू मुझको जन्म तो दे दे
मां तू मुझको जन्म तो दे दे ||
नेहा रावत
छात्रा(बी एस सी द्वितीय वर्ष)