जोशीमठ : माउंट चौखंभा आरोहण रेस्क्यू अभियान में देवदूत बने फ्रेंच पर्वतारोही दल का जीएमवीएन ने किया जोरदार स्वागत

Team PahadRaftar

माउंट चौखंभा आरोहण रेस्क्यू अभियान में देवदूत बने फ्रेंच पर्वतारोही दल का जीएमवीएन ने किया जोरदार स्वागत

संजय कुंवर

जोशीमठ : हाल ही में उत्तराखंड के चमोली जनपद में स्थित गढ़वाल हिमालय की दुरूह चोटी माउन्ट चौखम्भा 3 के 6015 मीटर को ऊंचाई पर फंसे जिंदगी की जंग से जूझ रहे यूएसए और यूके की दो विदेशी महिला पर्वतारोहियों को सकुशल रेस्क्यू कर सबसे अपने कैम्प तक पहुंचाने वाले देवदूत फ्रेंच पर्वतारोही दल के तीन सदस्य भी अपना “चौखंभा 3” पीक आरोहण अभियान पूरा कर वापस जोशीमठ लौट आए हैं। जहां जीएमवीएन कॉम्प्लेक्स ज्योतिर्मठ में इस पर्वतारोहण अभियान को सपोर्ट कर रहे एस्किमो एडवेंचर के प्रभारी दिनेश उनियाल सहित अन्य सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने इन तीनों देवदूत, फ्रेंच पर्वतारोहीयों के इस विदेशी पर्वतरोही दल में शामिल फ्रांस के जैक्स सेविलर, क्लोविस पॉलिन ओर विविन क्रिस्टियन
के गले में तुलसी माला डाल कर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।

तीनों पर्वतारोहियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने फ्रेंच गोर्वमेंट द्वारा संपर्क साधे जाने और चौखम्भा आरोहण के दौरान हेली घूमने के साथ साथ रात में ग्लेशियर हैंगिंग रॉकी एरिया के एक छोर पर लाइट जलती दिखाई देने के बाद उनको लगा की कोई जरूर ऊपर फंसा है और मदद के लिए उन्होंने तत्काल अपना चौखंभा 3 आरोहण रोककर दूसरे फेस पर तीन दिन से लापता चल रहे अमेरिका और इंगलैंड की दोनों महिला पर्वतारोहियों को खोजने में विषम परिस्थितियों के बावजूद बचाव अभियान चलाया और उन्हें इस बात का बिलकुल मलाल नहीं है कि बर्फीले तूफान और खराब मौसम के कारण उनका चौखंभा पर्वतारोहण अभियान 2024 अंतिम चरण में पहुंचने के बाद भी सफल नही हो सका, लेकिन वो इस बात को लेकर काफी खुश हैं की इनकी टीम ने इस दौरान दो पर्वतारोहियों की मदद की ओर आज वो खुली हवा में सांस ले रहे हैं। चौखम्भा 3 पर वो दोबारा से कोशिश करेंगे लेकिन जीवन बचाना इससे भी बड़ा अभियान माना जाता है।

बता दें की जोशीमठ की एस्किमो एडवेंचर के सपोर्ट से एक फ्रेंच पर्वतारोही दल 20 सितंबर 2024 से चौखम्भा lll के एक फेस से पर्वतारोहण कर रहा था। इस विदेशी पर्वतरोही दल में शामिल फ्रांस के जैक्स सेविलर, क्लोविस पॉलिन ओर विविन क्रिस्टियन ही एक और चौखंभा 3 पर्वतारोहण अभियान में लापता चल रहे यूएसए और यूके के दोनो महिला पर्वतारोहियों के लिए बने थे देवदूत। इसी फ्रेंच पर्वतारोही दल ने सबसे पहले वन लापता चल रहे इन दोनों महिला पर्वतारोहियों को खोज निकाला, जिसके बाद भारतीय वायु सेना के हेली और एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के द्वारा इन्हें सुरक्षित ज्योतिर्मठ हेलीपेड एयर लिफ्ट कराया गया, अपने अनुभव साझा करते हुए दोनो पर्वतारोहियों ने भी जोशीमठ पहुंचने पर इसी तरह बताया था कि इस दौरान इन दोनों महिला पर्वतारोहियों ने किस तरह विषम हालातों में करीब 80 घंटे से ज्यादा के समय मौत को बहुत करीब से देखा इस दौरान जहां महज एक स्लीपिंग बैग के सहारे दोनों महिला पर्वतारोहियों ने किसी तरह अपने आप को संभाले रखा टूटने नही दिया और फिर अचानक देवदूतों के रूप में इन्ही फ्रेंच पर्वतारोही दल के सदस्यों को दोनों पर्वतारोहियों ने अपने सामने पाया तभी अगले सरप्राइज़ के तौर पर इन्हें इंडियन एयर फोर्स के हेली सहित एसडीआरएफ की रेस्क्यू ऑपरेशन टीम द्वारा सीधे एयर लिफ्ट कर जोशीमठ एयर बेस सुरक्षित लाया गया जिसके लिए भारत सरकार उत्तराखंड गोर्वमेंट सहित बचाव दल के सभी। मेंबर्स का भी हम आभार जताना चाहते हैं। इस घटना क्रम की शुरुवात दिनांक 03 अक्टूबर 2024 की सांय को आपदा प्रबंधन विभाग चमोली को सूचना प्राप्त होने से शुरू हुई थी। जनपद चमोली के विकाशखंड अन्तर्गत चौखम्भा पर्वत में 6015 मीटर की ऊंचाई पर 02 पर्वतारोही (01 USA, 01 UK) फंस गए थे, जिनका तुरंत हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू किया जाना था। IMF से प्राप्त सूचना के क्रम में सभी संबंधितों को अलर्ट करते हुए भारतीय वायु सेना से उक्त फंसे हुए नागरिकों को सुरक्षित निकाले जाने का अनुरोध किया गया। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन विभाग चमोली, भारतीय वायु सेना एवं एसडीआरएफ उत्तराखंड एवं अन्य विभागों के सहयोग से दिनांक 04 अक्टूबर 2024 से तत्काल बचाव अभियान प्रारम्भ किया गया। बचाव अभियान के तीसरे दिन दिनांक 06 अक्टूबर। 2024 को उक्त दोनों पर्वतारोही को सुरक्षित रेस्क्यू कर जोशीमठ हेलीपेड पहुंचा दिया गया था।

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