लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ: हिमालय में सबसे ऊंचाई व चन्द्रशिला की तलहटी में विराजमान तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों का आकंडा एक लाख के पार पहुंच गया है।
तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बन्द होने तक तीर्थ यात्रियों का आकंडा नया कीर्तिमान स्थापित कर सकता है। विगत 31 जुलाई को केदारनाथ यात्रा के विभिन्न यात्रा पड़ावों पर आयी दैवीय आपदा के कारण तुंगनाथ धाम पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है मगर मगर इन दिनों तुंगनाथ घाटी का मौसम खुशनुमा होने तथा पितृ पक्ष के होने के कारण तुंगनाथ धाम की यात्रा पुनः परवान चढ़ने लगी है । तुंगनाथ धाम में दूसरे चरण की यात्रा परवान चढ़ने से तुंगनाथ धाम सहित तुंगनाथ घाटी के यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है तथा प्रतिदिन सैकड़ों तीर्थ यात्री चन्द्र शिला के शिखर पर पहुंचकर वहां की खूबसूरती से भी रुबरु हो रहे हैं। मन्दिर समिति से मिली जानकारी के अनुसार तुंगनाथ धाम में अभी तक एक लाख,819 तीर्थ यात्रियों ने पूजा – अर्चना व जलाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना की है। इस वर्ष तुंगनाथ धाम में भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही होने से तुंगनाथ घाटी के तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय में भारी इजाफा होने के साथ मन्दिर समिति की आय में भी वृद्धि हुई है।
बता दे कि इस वर्ष विगत 10 मई को भगवान तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गये थे तथा कपाट खुलने के बाद ही प्रतिदिन हजारों तीर्थ यात्री तुंगनाथ धाम पहुंचने लगे थे। तुंगनाथ धाम के प्रबन्धक बलवीर नेगी ने बताया कि अभी तक तुंगनाथ धाम में 55 हजार 941 पुरूषों, 33 हजार 626 महिलाओं, 10 हजार 285 नौनिहालों , 810 साधु – संन्यासियों व 158 विदेशी सैलानियों ने तुंगनाथ धाम पहुंच कर पुण्य अर्जित किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलने के बाद से ही तीर्थ यात्रियों की आवाजाही मे भारी संख्या में शुरू हो गयी थी जो कि 30 जुलाई तक जारी रही मगर 31 जुलाई को केदारनाथ धाम की यात्रा प्रभावित होने के कारण तुंगनाथ धाम की यात्रा भी खासी प्रभावित हुई है। प्रबन्धक बलवीर नेगी ने बताया कि तुंगनाथ घाटी में धीरे – धीरे मौसम खुशनुमा होता जा रहा है इसलिए सितम्बर माह के दूसरे सप्ताह से तुंगनाथ धाम की यात्रा दुबारा परवान चढ़ने लगी है। मन्दिर समिति के चन्द्रमोहन बजवाल ने बताया कि चोपता से सीधे चन्द्र शिला शिखर जाने वाले पर्यटकों व सैलानियों को मन्दिर समिति के रिकार्ड में दर्ज नही किया है क्योंकि अधिकांश सैलानी प्रकृति के आनन्द लेने के लिए चोपता से सीधे चन्द्रशिला शिखर पहुंचते है। उन्होंने बताया कि तुंगनाथ धाम में दूसरे चरण की यात्रा परवान चढ़ने से तुंगनाथ धाम सहित तुंगनाथ घाटी के यात्रा पडांवो पर रौनक बनी हुई है।