केएस असवाल
गौचर : क्षेत्र में देर रात हुई बारिश से कमेड़ा के जखेड़ गधेरे के पास हुए भूस्खलन से बंद राष्ट्रीय राजमार्ग को लगभग 11 घंटों बाद यातायात के लिए खोले जाने पर लोगों ने राहत की सांस ली। मार्ग बंद होने से दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।
शुक्रवार देर रात क्षेत्र में हुई भारी बारिश से जनपद की सीमा पर कमेड़ा के जखेड़ गधेरे के पास हुए भूस्खलन से ऋषिकेश बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से वाहनों की आवाजाही लगभग 11 घंटों तक ठप्प रही। मार्ग बंद होने से दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। इसी स्थान पर वर्ष 2013 की आपदा में जखेड़ गधेरे के उफान पर आने से डाट पुलिया सहित सड़क का बड़ा हिस्सा वास आउट होने से कई दिनों तक मार्ग अवरूद्ध रहा था। तब यह मार्ग सीमा सड़क संगठन के अधीन था। उस समय पहाड़ी काटकर किसी तरह वाहनों की आवाजाही शुरू की गई थी। सीमा सड़क संगठन इस स्थान पर पुलिया के निर्माण की कवायद शुरू ही कर रहा था कि इस मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन दे दिया गया। इसके बाद 25 जुलाई 2023 को क्षेत्र में हुई भारी बारिश से इसी स्थान पर जहां अस्थाई पुलिया के साथ ही सड़क का लगभग 100 मीटर हिस्सा जमींदोज होने के साथ ही भारी मलवा आने से पांच दिनों तक मार्ग अवरूद्ध रहने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। तब हालात इतने खराब हो गए थे पैदल आवाजाही के लिए भी जगह नहीं बची थी। लेकिन ताजुब तो इस बात का है कि सब जानते हुए भी इस स्थान इतने लंबे अंतराल तक सुधारीकरण कार्य क्यों नहीं किया गया। इस पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। यह तो गनीमत रही कि इस साल इस क्षेत्र में भारी बारिश का सिलसिला अब जाकर शुरू हुआ है। अन्यथा बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता। गौचर चौंकी प्रभारी लक्ष्मी प्रसाद बिल्जवाण के अनुसार कमेड़ा के जखेड़ में शुक्रवार रात लगभग 12 बजे के आसपास भारी भूस्खलन होने से मार्ग बंद हो गया था। शनिवार को दिन में 11 बजे के आसपास मार्ग यातायात के लिए खोला जा सका। उन्होंने बताया कि व्यवस्था बनाने के लिए वाहनों को गौचर में ही रोक दिया गया था।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश नेगी, नगर अध्यक्ष सुनील पंवार,यंग ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष अजय किशोर भंडारी, पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष संदीप नेगी आदि का कहना है कि कमेड़ा के जखेड़ गधेरे के पास इतनी देर तक मार्ग बंद रहने से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार के हालात पहले से बने हुए थे इसके लिए बड़ी मशीनों को तैनात किया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया छोटी मशीनों की वजह से मार्ग खोलने में इतना समय लगा है।