केएस असवाल
नारायणबगड़ : सड़क मार्ग से वंचित गांवों के ग्रामीणों को अपने रोजमर्रा के जीवन में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, खासकर तब जब गांव में कोई बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल ले जाने के लिए ग्रामीणों को खासा संघर्ष करना पड़ता है।
बुधवार को प्रखंड के मुसाउडियार गांव में 98वर्षीय वृद्ध महिला शाखा देवी की अचानक तबीयत खराब हो गई। ग्रामीण उन्हें पहले डंडी में बिठाकर 3.5किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर नैणी में सड़क मार्ग तक लाए और वहां से एम्बुलेंस के जरिए उन्हें अस्पताल तक पहुंचाया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणबगड़ में उपचार करने के बाद ग्रामीण उन्हें घर ले गए। गांव के सामाजिक कार्यकर्ता संदीप कुमार पटवाल ने बताया कि मोटर मार्ग के अभाव में गांव के लोगों को आज भी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।सबसे अधिक परेशानी प्रसव काल के दौरान गर्भवती महिलाओं तथा बीमार लोगों को अस्पताल तक ले जाने की होती है। बताया कि वर्ष2016 में सरकार ने नैणी-मुसाउडियार-पटोडी़ 6 किलोमीटर मोटर मार्ग की स्वीकृति दी थी।लेकिन वनविभाग से वन भूमि का हस्तांतरण लोनिवि को न होने से सड़क मार्ग का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। ग्राम पंचायत बूंगा का मुसाउडियार गांव अनुसूचित जाति का बाहुल्य गांव है।गांव के रघुवीर लाल,एतवारी लाल,कुंदन लाल,नरेश कुमार, मदन लाल का कहना है कि गांव में सडक मार्ग न होने से लोग पलायन कर रहे हैं।और जो लोग गांव में हैं, उन्हें इस तरह की परेशानियों से हमेशा दो-चार होना पड़ता है।