सीमांत में यलो अलर्ट के बाद अब पहाड़ों में हिमस्खलन का बना खतरा, राज्य आपदा परिचालन केंद्र द्वारा जारी सावधानी बरतने के निर्देश
संजय कुंवर
पहाड़ों में वेस्टर्न डिस्टरबेंस/यलो अलर्ट के चलते विगत तीन दिनों से भारी बर्फबारी हुई है और तीन दिनों बाद आज मौसम खुशगवार बन गया है। ऐसे में भारी बर्फबारी के बाद अब उत्तराखंड के कुछ जिलों में भारी बर्फबारी/एवलांच आने की भी संभावनाएं जताई गई है। डिफेंस जिओ मैट्रिक एस्टेब्लिशमेंट DGRC चंडीगढ़ द्वारा रविवार 5 बजे सांय जारी अलर्ट के तहत आज सोमवार 4 मार्च को सांय 5 बजे तक राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी/हिम स्खलन होने की संभावनाएं जताई गई है।
जिसमें सूबे के उत्तरकाशी,चमोली,रुद्रप्रयाग, जनपद को एवलांच डेंजर लेबल 4 में रखा गया है जबकि कुमाऊ के पिथौरागढ़,और बागेश्वर जनपद को डेंजर लेबल 3 की श्रेणी में रखा गया है, इन जिलों के ऊपरी क्षेत्र में बर्फबारी और एवलांच आने की भी संभावना जताई गई है। जानकारी दी गई है की इन जिलों के कुछ क्षेत्र में अधिक हिमपात होने की दशा में अवधाव या एवलांच आने का खतरा हो सकता है।
चमोली जनपद के खासकर नीति माणा, बदरीनाथ,लोकपाल घाटी और बॉर्डर से सटे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमस्खलन की घटना की संभावना के मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से तहसील स्तर पर सभी आपदा परिचालन केंद्र को एडवाइजरी जारी करते हुए अलर्ट मोड़ पर रखा है और जन सामान्य को सूचना के माध्यम से भी अलर्ट कर दिया गया है की सीमांत जोशीमठ प्रखंड के नीति,मलारी,माणा, बदरीनाथ,हनुमान चट्टी,लाम बगड़, लोकपाल,हेमकुंड घाटी क्षेत्र में सक्रिय पुराने एवलांच प्वाइंट की तरफ अत्यधिक सतर्कता बरती जाए। एसडीआरएफ,रेस्क्यू टीमों सहित सभी आपदा प्रबंधन तंत्र से जुड़े महकमों के कार्मिकों अधिकारियो को किसी भी तरह की इमरजेंसी के लिए एक कॉर्डिनेशन बनाकर रहने के निर्देश दिए हैं ताकि हिमस्खलन जैसी किसी भी छोटी बड़ी घटना होने पर फॉरन रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो सके।