बीएसएफ मैराथन में वाण (देवाल) की फ्लाइंग गर्ल भागीरथी को प्रथम स्थान
जीता 50 हजार धनराशि का नगद पुरस्कार,
बीएसएफ ने किया था बोर्डर मैराथन का आयोजन
जम्मू-कश्मीर और ऋषिकेश मैराथन में भी जीत चुकी है भागीरथी प्रथम स्थान और नगद पुरस्कार,बीएसएफ की महिला बैंड की मधुर संगीतमय प्रस्तुति ने मैराथन में चार चाँद लगाए।
अमृतसर!
फ्लाइंग गर्ल के नाम से प्रसिद्ध सीमांत जनपद चमोली के देवाल ब्लाक के अतिदूरस्थ गांव वाण की 23 वर्षीय भागीरथी बिष्ट ने 42 किमी फुल बोर्डर मैराथन में प्रथम स्थान प्राप्त किया और 50 हजार धनराशि का नगद पुरस्कार भी जीता। सिरमौरी चीता और अंतरराष्ट्रीय एथलीट सुनील शर्मा ने बताया की भागीरथी बिष्ट नें 1614 प्रतिभागियों को पछाड़कर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर भागीरथी को नगद धनराशि, प्रशस्ति पत्र और मेडल प्रदान किया गया। गौरतलब है कि फ्लाइंग गर्ल भागीरथी अपनी रफ्तार से दुनिया के फलक पर अपनी चमक बिखेरने के लिए कडी मेहनत कर रही है। पहाड़ की इस होनहार और प्रतिभाशाली बेटी के सपने पहाड़ से भी ऊंचे हैं।
संघर्ष और अभावों में बीता जीवन
हिमालय के अंतिम वाण गांव की रहने वाली भागीरथी को संघर्ष और आभाव विरासत में मिला। महज तीन वर्ष की छोटी आयु में भागीरथी के पिताजी की असमय मृत्यु हो गयी थी। जिस कारण भागीरथी के पूरे परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पडा था। जैसे तैसे परिस्थियों से लडकर होश संभाला और कभी भी हार नहीं मानी। भागीरथी पढ़ाई के साथ साथ घर का सारा काम खुद करती थी यहाँ तक की अपने खेतों में हल भी खुद ही लगाया करती थी। मन में बस एक ही सपना है की एक दिन ओलम्पिक में देश के लिए पदक जीतना और अपनें गांव, राज्य, देश, कोच का नाम रोशन करना है।
सर्वप्रथम स्कूल नें पहचानी थी प्रतिभा!
फ्लाइंग गर्ल भागीरथी की प्रतिभा को सर्वप्रथम राजकीय इंटर कॉलेज वाण के शिक्षकों ने पहचाना। स्कूल के सभी शिक्षकों नें भागीरथी को प्रोत्साहित किया और हौंसला बढ़ाया। स्कूल में भागीरथी हर खेल कब्बड्डी से लेकर खो खो, बाॅलीबाल, एथलेटिक्स में हमेशा अब्बल आती थी।