पांडुकेश्वर में गाडू उत्सव के साथ यक्ष राज कुबेर भगवान ने दिया सबको सुख समृद्धि और वैभव का आशीष, भीगी पलकों और देव जागरों के बीच कुबेर देवरा का हुआ समापन
संजय कुंवर
बदरीनाथ धाम के मुख्य पड़ाव और पांडु नगरी के नाम से प्रसिद्ध पांडुकेश्वर गांव के सात दिवसीय श्री कुबेर देवरा महोत्सव का आज गाडू उत्सव के साथ विधि विधान पूर्वक समापन हो गया है। कुबेर चौक में हुए इस सात दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान के आयोजन में जहां हजारों की तादात में श्रद्धालुओं और राज्य के विशिष्ट अतिथिगण ने यक्ष राज कुबेर महाराज जी के भव्य मंदिर में पहुंच कर दिव्य अलौकिक दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित किया।
आज देवरा उत्सव के अंतिम दिन जल यात्रा के साथ श्री मद भागवत कथा का भी समापन हुआ इस दौरान दिन भर कुबेर चौक में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने श्री कुबेर भगवान जी सहित अलक नन्दा घाटी के सभी आराध्य देवी देवताओं को समर्पित जागरो,भजनों,दांकुडी,थडिया, चोफुला लोक गीतों के द्वारा भक्ति मई प्रस्तुति दी, तो शाम ढलते हुए कुबेर चौक में देवरे का अंतिम गाडू घड़ा उत्सव हुआ जिसमे कुबेर जी के अवतारी पुरुष द्वारा दिव्य कटार के ऊपर आसन लेकर अलक नन्दा नदी के पवित्र गंगाजल से भरे घड़े और दूध से स्नान किया जिसके बाद अन्य देवताओं के साथ यक्ष राज कुबेर भगवान ने कुबेर देवरा में पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं और कुबेर देवरा समिति के सभी पदाधिकारीयों को सफलता पूर्वक इस धार्मिक अनुष्ठान को विधि विधान से संपन्न करने के लिए सुख समृद्धि और यश का आशीर्वाद दिया। पांडुकेश्वर गांव के महिलाओ ने अपने आराध्य कुबेर जी सहित मां नन्दा कैलाश, घंटा करण, घन्याल देवता, उन्यानी देवी, सहित सभी देवी देवताओं को नभीगी पलकों और नम आंखों के साथ जागरो के माध्यम से विदा किया, इस तरह पांडुकेश्वर गांव का सात दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान कुबेर देवरा का विधिवत समापन हो गया है।