चमोली : विश्व प्रसिद्ध हिमक्रीडा औली और जनपद के पहाड़ी क्षेत्रों के गांवों में जमकर बर्फबारी होने से चारों ओर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। जिससे लोग घरों में कैद हो गए हैं, वहीं शीतलहर से बचाव के लिए गर्म कपड़ों के साथ अलाव का सहारा ले रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि अब औली में पर्यटकों की संख्या में होगा इजाफा।
चमोली जनपद के पहाड़ी क्षेत्रों के सैकड़ों गांवों में
विगत दो दिनों से हो रही बर्फबारी से चारों ओर बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है। जिससे किसानों के चेहरों पर खुशी की लहर साफ दिखाई दे रही है। काश्तकारों का कहना है कि यह बर्फ रबी की फसल और बागवानी के लिए संजीवनी साबित हो रही है।
सीमांत नगर जोशीमठ में भी सुबह से घुमड़ते बादलों के साथ बारिश की फुहारों ने दिन की शुरुआत की। सुनील गांव तक एक बार फिर से हिमपात होने से ठंड और शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। हिमक्रीडा स्थली औली सहित चिनाप वैली, बदरीनाथ,लोकपाल घाटी, के अलावा धौली गंगा घाटी के सीमांत गांवों में बारिश और बर्फबारी हो रही है। बारिश के चलते कल दोपहर को नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क के एरा बीट की पहाड़ियों में लगी दावानल भी अब बुझ चुकी है लिहाजा पार्क प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है। बारिश और बर्फबारी के चलते पूरी धौली और अलक नन्दा घाटी जबरदस्त शीतलहर के चपेट में है।विश्व प्रसिद्ध हिमक्रीडा स्थल औली में जमकर बर्फबारी होने से होटल व्यवसायियों ने खुशी की लहर है, होटल व्यवसायियों का कहना है कि जमकर बर्फबारी होने से पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।