चमोली : जलवायु आधारित दो दिवसीय कृषि प्रशिक्षण हुआ संपन्न, महिलाओं को दी गई अपने जानकारियां।
बुधवार को ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के तत्वावधान में चमोली जिले के विकासखंड पोखरी में माँ चण्डिका आजीविका स्वायत्त सहकारिता जिलासू में 2 दिवसीय जलवायु आधारित कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ सम्पन्न।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर विपीन मिश्रा (LC) रीप महेन्द्र कफोला, सहायक प्रबन्धक संस्था निमार्ण एवं समावेशी विकास ताजवर गुसाईं, सहायक प्रबन्धक विपणन एवं व्यवसाय सहकारिता की अध्यक्षा श्रीमती ऊषा देवी समूहों से जुड़ी 25 महिला किसान उपस्थित रही। दो दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा बदलती जलवायु का कृषि पर होने पर वाले प्रभाव व उससे बचाव के उपाय पर गहन पर चर्चा की गई साथ ही जैविक कृषि,प्राकृतिक कृषि, समेकित कृषि प्रणाली,ड्रिप सिंचाई ,किट प्रबंधन,उच्च कृषि तकनीकों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी। मास्टर ट्रेनर विपीन मिश्रा द्वारा बताया गया कि जलवायु परिवर्तन से वैश्विक खाद्य सुरक्षा के बढ़ते खतरे को देखकर इस तरह की पहल किसानों के लिए मददगार साबित होगी। बदलती जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल फसल की किस्म उत्पादकता को बढ़ावा देगी। प्रशिक्षण में सहकारिता की अध्यक्षा श्रीमती ऊषा देवी जी द्वारा ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की समय समय पर करवाते रहने की मांग की जिससे इसमें ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्वरोजगार व नई कृषि तकनीकों के माध्यम अच्छे नए तकनिकों का प्रयोग लागतार हो रही जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान से अपनी कृषि को व आजीविका को बचा सके। सहायक प्रबन्धक संस्था निमार्ण श महेन्द्र कफोला द्वारा रीप परियोजना सम्बन्धी जानकारी दी गयी व सहकारिता का परियोजना के साथ अनुबंध पर चर्चा की गई। सहायक प्रबन्धक विपणन एवं व्यवसाय ताजवर गुसांईं द्वारा सहकारिता के व्यवसाय पर वार्ता की गयी वह वित्तीय वर्ष में सहकारिता के व्यवसाय लक्ष्य पूर्ति को लेकर क्रियान्वयन हेतु चर्चा की गयी। कार्यशाला के समापन सत्र में रीप ब्लॉक आजीविका समन्वयक विवेक पंत व सहकारिता कार्यकर्ता नीमा गुसाईं और सतोष रावत उपस्थित रहे।