जसपाल नेगी
पौड़ी : चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग की वर्चुअल माध्यम से समीक्षा बैठक मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पौड़ी में आयोजित हुई। उन्होंने विभाग को अवमुक्त धनराशि व्यय न किए जाने को लेकर कड़ी नाराजगी जताते हुए अपर सचिव स्वास्थ्य को महानिदेशक स्वास्थ्य व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों का स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए।
बैठक में मंत्री द्वारा 31 मार्च तक विभाग हेतु अवमुक्त धनराशि का शत प्रतिशत सदुपयोग न करने की स्थिति में विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात की गई। उन्होंने निर्माण कार्यों चिकित्सा प्रबंधन समिति औषधि मद व चिकित्सा उपकरण ईजा बोई योजना के योजनाओं हेतु आवंटित बजट खर्च करने लिए कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 1 फरवरी को बजट व्यय से संबंधित बिंदुओं पर पुनः बैठक कर प्रगति की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने महानिदेशक स्वास्थ्य को समस्त चिकित्सालय में विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार को लेकर प्रत्येक चिकित्सालय में दो-दो होर्डिंग लगाए जाने के निर्देश भी दिए। साथ ही उन्होंने रिटायर्ड एएनएम के एरियर भुगतान को लेकर महानिदेशक स्वास्थ्य की जिम्मेदारी तय करने के लिए अपर सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए। कहा कि राज्य में नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों में 1037 के सापेक्ष 778 लोगों द्वारा ज्वाइंन किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्षवार चयनित नर्सिंग अधिकारियों के ज्वाइन न करने की स्थिति में उनको अगली किसी भी भर्ती में दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा। उन्होंने सीएमओ को शत प्रतिशत ज्वाइनिंग को लेकर निर्देश दिए।
मंत्री ने पीपीपी मोड में संचालित चिकित्सालयों में नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को 2 महीने के लिए निकटतम मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य में अगले तीन वर्ष के भीतर 15 उप जिला चिकित्सालयों के निर्माण कार्यों की प्रगति में तेजी लाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में आयुष्मान ग्राम, वी टीवी मुक्त गांव की प्रगति में तेजी लाने लाने को कहा।
बैठक से पूर्व मा. मंत्री ने सीएमओ कार्यालय में बन रहे निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण भी किया।
बैठक में निदेशक स्वास्थ्य गढ़वाल मंडल डॉo शिखा जंगपांगी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पारुल गोयल, डॉo रमेश कुंवर सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे।