संजय कुंवर
जोशीमठ : सैंजी लग्गा स्यूंण – डुमक मोटर मार्ग निर्माण को लेकर क्षेत्रवासी एक बार फिर एक जुट हो गए हैं। डुमक गांव में ग्रामीण एक सप्ताह से क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं, वहीं इस मुहिम को सफल बनाने के लिए ग्रामीणों का एक शिष्टमंडल घाटी के विभिन्न गांवों में जनसमर्थन के लिए पदयात्रा पर निकला है।
सैंजी लग्गा बेमरू – स्यूंण – डुमक मोटर को लेकर क्षेत्रवासी तीन दशक से लड़ाई लड रहे हैं, बावजूद क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोगों का सड़क का सपना अधूरा बना हुआ है। सड़क निर्माण की मांग को लेकर क्षेत्रवासियों द्वारा जहां लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया गया वहीं बदरीनाथ नेशनल हाईवे को भी जाम किया गया। तब जाकर सरकार हरकत में आई और पांच हजार से अधिक की आबादी को जोड़ने के लिए सैंजी लग्गा बेमरू स्यूंण डुमक 32 किमी मोटर मार्ग की स्वीकृति 2007 में दी गई। लेकिन पीएमजीएसवाइ 16 वर्ष में 16 करोड़ खर्च करने के बाद भी 16 किमी सड़क निर्माण पूरा नहीं कर पाया है! जबकि अब भी 16 किमी सड़क निर्माण कार्य शेष बचा है। जिसके चलते जोशीमठ विकासखंड का सबसे दुरस्थ व अंतिम गांव डुमक के ग्रामीण आज भी 22 किमी पैदल यात्रा को मजबूर हैं। ग्रामीणों का सड़क का सपना आज भी अधूरा बना हुआ है। विभाग व ठेकेदार ने पिछले दो वर्ष से निर्माणाधीन सड़क पर काम करना बंद कर दिया है। जिससे लोगों में आक्रोश बना हुआ है। सड़क निर्माण कार्य शुरू करने की एक सूत्रीय मांग को लेकर क्षेत्रवासियों ने 25 दिसंबर को सभी गांवों व जिला मुख्यालय गोपेश्वर में मशाल जुलूस निकालकर सरकार को चेताया। वहीं 28 दिसंबर से डुमक के ग्रामीणों ने गांव में ही क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। आक्रोशित ग्रामीणों ने पीएमजीएसवाइ के अधिशासी अभियंता का पुतला भी दहन किया गया। और मुहिम को सफल बनाने के लिए डुमक गांव से एक शिष्टमंडल क्षेत्रीय गांवों में समर्थन के लिए पदयात्रा पर निकला है। जिनका उर्गमघाटी के विभिन्न गांवों में भव्य स्वागत के साथ पूर्ण जनसमर्थन मिल रहा है। वहीं संघर्ष समिति के प्रेमसिंह सनवाल का कहना है कि उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया तो 18 जनवरी को जिला मुख्यालय गोपेश्वर में विशाल रैली निकाल कर धरना प्रदर्शन किया जाएगा !