श्री नंदा राजजात संस्मरण गीतों से भाव-विभोर हो उठे योगाहार के सदस्य

Team PahadRaftar

श्री नंदा राजजात संस्मरण गीतों से भाव-विभोर हो उठे योगाहार के सदस्य

हरिद्वार  : स्वैच्छिक दैनिक ‘योगाहार’ ऑनलाइन कार्यक्रम में एक माह तक चलने वाली धार्मिक, सांस्कृतिक एवं अध्यात्मिक यात्रा वृतांत की शुरुआत हुई. ‘हिमालयी महाकुम्भ’ के नाम से विख्यात ‘श्री नंदा राजजात’ संस्मरण के साथ ही इस कार्यक्रम का प्रारम्भ हुआ. बतौर मुख्य अतिथि शिक्षिका एवं साहित्यकार श्रीमती बीना बेंजवाल ने विगत दो-दिन में यात्रा से जुड़े संस्मरणों को योगाहार में साझा किया. उनके साथ ही शिक्षिका एवं योग विशेषज्ञ श्रीमती लक्ष्मीशाह, श्रीमती तनुजा मैठाणी. श्रीमती राखी कन्वासी और श्रीमती बबीता देवी ने माँ नंदा जी के जागर एवं गीत प्रस्तुत किए. इस प्रस्तुति पर उपस्थित सदस्य भाव विभोर हो उठे.

श्रीमती बेंजवाल ने बताया, ‘’नंदा देवी राज जात उत्तराखंड की सबसे प्रसिद्ध यात्रा है। इस हिमालयी महाकुंभ में भारत के साथ-साथ दुनिया के अन्य हिस्सों से लोग भी सम्मिलित होते हैं।

प्रत्येक 12 वर्ष में होने वाली यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालु लगभग 280 किलोमीटर की पैदल यात्रा 19 से 20 दिनों में पूरा करते हैं. यह यात्रा कर्णप्रयाग के पास नौटी गाँव से शुरू होती है और चार सींग वाली भेड़ों के साथ रूपकुंड और होमकुंड की ऊँचाइयों तक जाती है। हवन-यज्ञ संपन्न होने के बाद जब यात्रा समाप्त होती है, तो चार सींग वाले भेड़ को सजाए गए गहने और कपड़ों से मुक्त किया जाता है. इस अवसर पर यात्रा से सम्बंधित एक डोकुमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई.

इस अवसर विभिन्न प्रदेशों से लगभग 80 सदस्य जडे हुए थे. योगाहार के वरिष्ठ सदस्य पवन कुमार ने बताया कि मंच पर पूरे एक माह तक धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्त्व की यात्राओं के बारे में जानकारी साझा की जाएगी. इस बीच मध्य प्रदेश से श्री मुन्नीलाल यादव जी ने मंच पर उपस्थित नए सदस्यों को योगाहार के बारे में जानकारी दी कि मई 2021 के प्रारम्भ से आनलाइन योगाहार नियमित दो-सत्रों में 5.30 से 8.30 बजे सम्पन्न होता आ रहा है। मुख्य अतिथियों की उपस्थिति में आहार, स्वास्थ्य, जैविक व प्राकृतिक खेती, पर्यावरण, जल संरक्षण जैसे विविध विषयों पर चर्चा होती आई है। योग-सत्र में जिला नैनीताल, उत्तराखण्ड से श्री मुकेश कुमार सिंह जी ने योग कराया. मध्य प्रदेश से श्री शरद वर्मा जी ने सभी सदस्यों का धन्यवाद किया. योग-सत्र का संचालन श्रीमती रंजना किन्हीकर ने किया. और कार्यक्रम का समन्वयन दिनेश चन्द्र सेमवाल ने किया.

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