लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : लोक निर्माण विभाग के कोल्लू बैण्ड – स्वारीग्वास मोटर मार्ग पर लगभग 1 करोड़ 32 लाख रुपये की लागत से हो रहे विभिन्न निर्माण कार्यों में गुणवत्ता को दर किनार करने का मामला प्रकाश में आया है। साथ ही कार्यदाई संस्था द्वारा बिना राजस्व विभाग की अनुमति से कई स्थानों पर अवैध खनन सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत कराने के बाद भी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में किसी प्रकार का सुधार न होने से ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है।
बता दें कि विगत दो माह से लोक निर्माण विभाग के कोल्लू बैण्ड – स्वारीग्वास मोटर मार्ग पर लगभग 1 करोड़ – 32 लाख रुपये की लागत से बरसात से क्षतिग्रस्त पुश्तों, सुरक्षा दीवालों, निकासी नालियों का निर्माण किया जा रहा है मगर निर्माण कार्यों में गुणवत्ता को दरकिनार करने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आने लगी है। विगत माह विभाग द्वारा मोटर मार्ग के कुछ हिस्से में डामरीकरण तो किया गया था मगर मोटर मार्ग पर हुए डामरीकरण में गुणवत्ता न होने से डामरीकरण एक सप्ताह में ही उखड़ कर मोटर मार्ग धीरे – धीरे खण्डहर में तब्दील होता जा रहा है। इन दिनों विभाग द्वारा मोटर मार्ग के कुछ हिस्सों में बरसात से क्षतिग्रस्त पुश्तों तथा निकासी नालियों का निर्माण तो किया जा रहा है मगर पुश्तों के निर्माण में भारी अनियमिताएं बरतने के साथ ही निकासी नालियों के निर्माण में बजरी की जगह खुलेआम मिट्टी का प्रयोग कर लाखों रुपये का वारा – न्यारा किया जा रहा है। मोटर मार्ग पर बने रहे सुरक्षा दिवालों व निकासी नालियों के निर्माण के लिए विभाग द्वारा बिना राजस्व विभाग की अनुमति के अवैध खनन कर सरकार व प्रशासन को लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है! ग्रामीणों द्वारा अवैध खनन की शिकायत स्थानीय राजस्व व पुलिस प्रशासन को देने के बाद भी अवैध खनन जारी रहने से कई यक्ष प्रश्न खड़े होना स्वाभाविक ही है! पूर्व प्रधान महेन्द्र नेगी ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को बार – बार अवगत कराने के बाद भी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में किसी प्रकार का सुधार नही हो रहा है! उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता नही बरती गयी तो ग्रामीणों को आगामी 1 जनवरी से निर्माण कार्यों को रूकवाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। वही विभागीय एई अशोक ध्यानी का कहना है कि कार्यदाई संस्था को निर्माण कार्यों में गुणवत्ता लाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं तथा कुछ स्थानों पर निकासी नालियों के निर्माण में ग्रामीणों की शिकायत मिली थी उन स्थानों पर दुबारा नालियों का निर्माण करवाया गया है।