संजय कुंवर
बदरीनाथ : बोल बदरी विशाल भगवान की जय के उद्घोष की गूंज आज बदरी पुरी में नर – नारायण पर्वत में गूंज रही है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही धाम में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा हुआ है, साकेत तिराहे से लेकर मन्दिर परिसर तक नारायण भक्तों की भीड़ लगी हुई है।बदरीनाथ धाम के कपाट आज दोपहर बाद 3:33 बजे के शुभ मुहूर्त पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा भी विराम ले लेगी। धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया के तहत चल रही पंच पूजाओं के क्रम में आज पांचवे और अंतिम दिन की मुख्य परंपरा बदरीनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी रावल जी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी स्त्री वेश धारण कर सखा भाव से माता लक्ष्मी को भगवान बदरी विशाल के साथ गर्भगृह में विराजमान करेंगे। आज सुबह खुशनुमा मौसम के बीच बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में महा अभिषेक के साथ अन्य सभी दैनिक पूजाएं संपन्न की जायेगी। ठीक एक बजे बदरी विशाल भगवान की इस वर्ष की अंतिम सांय कालीन आरती होगी। इस बीच 2 बजे करीब मुख्य पुजारी रावल जी स्त्री वेश में माता लक्ष्मी जी को गर्भ गृह में श्री हरि नारायण भगवान के सानिध्य में रखेंगे और बद्रीश पंचायत के मुख्य देवता उद्धव जी,और कुबेर जी की उत्सव मूर्ति को गर्भगृह से बाहर लाया जायेगा। जिसके बाद कपाट बंद करने की अंतिम प्रक्रिया शुरू होगी,श्री हरि नारायण को घृत कंबल का लेपन किया जाएगा। ठीक 3बजकर 33मिनट के शुभ मुहूर्त पर भगवान बदरी विशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
इस वर्ष केदारनाथ धाम में सर्वाधिक 19.61 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए हैं, जबकि बदरीनाथ धाम में अबतक 18 लाख 25हजार गंगोत्री में 9.05 लाख, यमुनोत्री में 7.35 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए हैं। केदारनाथ, यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो गए हैं। जबकि आज 18 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे।