भोग और मोक्ष देनेवाली हैं माता महागौरी
ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंदः महाराज
संजय कुंवर
उत्तराम्नाय शंकराचार्य पीठ में आज सहस्र सुवासिनी पूजन के क्रम में आज दूसरे दिन मध्याह्न में शंकराचार्य गद्दी परिसर में 64योगिनी देवियों के सान्निध्य में पूजन आरम्भ हुआ । इस अवसर सैकडों की संख्या में उपस्थित माताओं की महागौरी की रूप में षोडशोपचार से पूजा की गई । ज्योर्तिमठ के प्रभारी मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी ने शंकराचार्य जी का सन्देश कहते हुए बताया कि पाश्चात्य संस्कृति में नारी को केवल लौकिक भोग के लिए उपयोग किया जाता है वहीं भारतीय संस्कृति में स्त्रियों को सर्वोत्तम ‘माता’ का स्थान दिया गया है। हम बचपन से बालिका में दैवीय गुण का आधान करके उनकी पूजा करते हैं । इसलिए सभी सनातनियों को इस संस्कार को अपने जीवन उतारना चाहिए
महाअष्टमी तिथि के अवसर पर आज रजत वस्त्र से विशेष श्रृंगार किया गया
शंकराचार्य पीठ ज्योतिर्मठ में विराजमान देवी अखिलकोटिब्रह्माण्ड नायिका राजराजेश्वरी त्रिपुर सुन्दरी श्रीदेवी भगवती जी के विग्रह का आज विशेष रजत वस्त्र पहनाकर श्रृंगार किया गया। सुबह महापूजा करके भगवती जी की महाआरती की गई । ज्योतिर्मठ के व्यवस्थापक विष्णुप्रियानन्द ब्रह्मचारी ने बताया कि नवरात्रि के अवसर पर भारी संख्या में पहुँचकर श्रद्धालु भक्तजन देवी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।
आज के कार्यक्रम में मुख्यरूप से उपस्थित रहे सर्व श्री शिवप्रिया, श्रीमति श्री देवी , डाबर कम्पनी के वाइस प्रेसिडेंट श्री नारायणा सपरिवार , महिमानन्द उनियाल , जगदीश उनियाल, मनोज गौतम, प्रवीण नौटियाल , अरुण ओझा , देवेन्द्रधर दुबे, रजनीश दुबे, वैभव सकलानी, अभिषेक बहुगुणा , धर्मेन्द्र नेगी, विक्रम फर्स्वाण आदि उपस्थित रहे ।