योगाहार के 900 दिवस पर ऑनलाइन उत्सव
हरिद्वार : बृहस्पतिवार को पतंजलि स्वैच्छिक दैनिक योगाहार के 900 दिवस पूर्ण होने पर ऑनलाइन उत्सव मनाया गया. उत्सव की थीम, ‘आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम की कड़ी में मृदा स्वास्थ्य और जल के अंतर सम्बंध के संरक्षण पर पतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टिट्यूट से श्री पवन कुमार ने वार्ता को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मानव स्वास्थ्य के लिए योग और शुद्ध आहार का होना बहुत आवश्यक है. शुद्ध आहार की प्राप्ति के लिए “स्वस्थ मृदा, मिट्टी में सूक्ष्म जीव, पोषक तत्व एवं जल की उपस्थिति और उनकी गुणवत्ता के प्रति जागरूकता का होना आवश्यक है. इससे किसान मिट्टी के स्वास्थ्य का समग्र मूल्यांकन करने में सक्षम हो सकेगा. कि किसान कुछ चुनिंदा विधियों के आधार पर मट्टी के स्वास्थ्य का मूल्यांकन सरलता के साथ कर सकते हैं.
उन्होंने किसानों से “मृदा एवं जल संरक्षण” को संकल्प के साथ आगे बढ़ाने का आह्वान किया. इस अवसर श्री तरुण शर्मा ने ’मृदा स्वास्थ्य के समग्र मूल्यांकन’ पर प्रस्तुति दी. कि भौतिक, रासायनिक एवं जैविक गुणों को समझकर हम मिट्टी के स्वास्थ्य का मूल्यांकन सरलता के साथ कर सकते हैं. इस अवसर पर उन्होंने मृदा आद्रता विधि, केंचुआ विधि, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, धरती का डॉक्टर एवं मृदा स्वास्थ्य सीढ़ी टूल पर जानकारी प्रस्तुत की. उन्होंने जानकारी दी कि स्वास्थ्य सीढ़ी एवं धरती के डॉक्टर का मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के किसानों के मध्य परीक्षण किया जा रहा है. किसान इनको दिलचस्पी के साथ उपयोग में ले रहे हैं. इस अवसर पर दी गई जानकारी पर उपस्थित सदस्यों ने जिज्ञासा प्रकट की. नर्मदापुरम, टीकमगढ़, मध्य प्रदेश से किसान क्रमशः श्री शरद वर्मा, श्री अशोक पटेल और श्री रमेश चंद मेहरा, श्री एम् एल गौर श्री मुन्नीलाल यादव ने ‘’योगाहार यात्रा” के तहत मृदा स्वास्थ्य सीढ़ी एवं धरती के डॉक्टर के प्रायोगिक प्रदर्शन और उनके रेस्पोंस के बारे में बताया. हरिद्वार और सहारनपुर में श्री तरुण शर्मा और दीपक वशिष्ठ ने स्वास्थ्य सीढ़ी और धरती के डॉक्टर के प्रदर्शन पर जानकारी दी.सहारनपुर के थरौली गाँव की प्रधान श्रीमती रीता चौधरी एवं पूर्व प्रधान श्री संदीप चौधरी ने बताया कि उनके गाँव में किसानों और विद्यार्थियों ने सांप सीढ़ी के माध्यम से खेल-खेल में मृदा स्वास्थ्य एवं स्वस्थ कृषि क्रियाओं के प्रति रूचि दिखाई है. उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां जैविक खेती के प्रति लोगों में दिलचस्पी पैदा करेगी. इस ऑनलाइन कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से 100 से भी अधिक किसान प्रतिनिधियों, जैविक उपभोक्ताओं, योग प्रेमियों ने भागीदारी की। इस अवसर पर महाराष्ट्र से डॉ किशोर दुबे, नीलकंठ साबले, गजानन पवार, गजानन बाजड; झारखण्ड से श्री भुनेश्वर राय, श्रीमती बिंदिया शर्मा; बिहार से रवि आदित्य, कुमार बब्बन; हिमाचल से श्री ठाकुरदास; उत्तराखंड से रघुवीर सिंह रावत, दिनेश सेमवाल ने वार्तालाप में भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन श्री मुन्नीलाल यादव ने किया. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सभी सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कि इस कार्यक्रम में भारत के 19 राज्यों के साथ ही नेपाल, अमेरिका, कनाडा, सिंगापुर से भी योग शिक्षक एवं मुख्य अतिथियों ने भी प्रतिभाग किया है। अभी तक 18 पदमश्री सदस्यों ने समय-समय पर अपना मार्गदर्शन दिया है। बताया कि मई 2021 के प्रारम्भ से आनलाइन योगाहार नियमित दो-सत्रों में 5.30 से 8.30 बजे सम्पन्न होता आ रहा है। मुख्य अतिथियों की उपस्थिति में आहार, स्वास्थ्य, जैविक व प्राकृतिक खेती, पर्यावरण, जल संरक्षण जैसे विविध विषयों पर चर्चा हुई है। योग-सत्र में जिला रायगढ़, महाराष्ट्र से श्रीमती वैशाली विनायक जंगम ने योग कराया. योग-सत्र का संचालन श्रीमती रंजना किन्हीकर ने किया.