संजय कुंवर
बदरीनाथ : श्राद्ध पक्ष में बदरीनाथ धाम में उमड़ी श्रद्धालुओं को भीड़, धाम में हर दिन पहुंच रहे हजारों श्रद्धालु। अब तक 14 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए नारायण के दर्शन।
श्री बदरीनाथ धाम में एक बार फिर से यात्रा ने रफ्तार पकड़ ली है। बरसात के बाद तीर्थयात्रियों के बदरी पुरी पहुंचने का क्रम लगातार जारी है। श्री बद्रीनाथ जी के दर्शनों के लिए हर दिन भक्तों की लंबी कतारें लग रही है,भीड़ इस कदर बड़ी है कि 2अक्तूबर को ही एक दिन में करीब 14हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने भगवान बदरी विशाल जी के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित किया है। वहीं कपाट खुलने से लेकर अबतक करीब 14 लाख 20 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ धाम के दर्शन कर लिए हैं। ये सिलसिला अभी आने वाले शारदीय नवरात्रि और दशहरे तक जारी रहेगा।
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि गत शुक्रवार से श्राद्ध पक्ष शुरू होते ही हजारों तीर्थ यात्री प्रतिदिन श्री बदरी विशाल भगवान के दर्शनों के लिए बदरीनाथ धाम पहुंच रहे हैं।
श्री बदरीनाथ धाम स्थित ब्रह्म कपाल तीर्थ में पित्रों के श्राद्ध के लिए तीर्थयात्रियों के आने का क्रम जारी है।
तीर्थयात्रि यहां पावन अलकनंदा नदी में आस्था की डुबकी लगाने के बाद ब्रह्मकपाल पर पिंडदान तथा तर्पण कर पितरों का आशीर्वाद ले रहे हैं और पितृ मोक्ष की कामना कर रहे हैं। यह क्रम पितृ विसर्जन अमावस्या 14 अक्टूबर तक जारी रहेगा।
ब्रह्म कपाल के विषय में मान्यता है कि भगवान नारायण की महिमा से यहां पर भगवान शिव को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिल गयी थी। तथा ब्रह्मा जी का कटा हुआ शीश भगवान शिव के हाथ पर चिपक गया था वह छिटक कर अलकनंदा के तट बदरीनाथ मंदिर के बायें तरफ गिर पड़ा था इस स्थान का नाम ब्रह्म कपाल अर्थात ब्रह्मा जी का सिर हो गया।