मां नंदा की लोकजात यात्रा अपनी अंतिम यात्रा पड़ाव पहुंची
हिमालय की अधिष्ठात्री देवी मां नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा आज अपने अंतिम पडाव में पहुंच गयी है। नंदा राजराजेश्वरी की डोली वाण गाँव से आगे निर्जन पडाव गैरोली, बंड नंदा की डोली निर्जन पडाव पंचगंगा पहुंच गयी है। कल नंदा सप्तमी के दिन बीते एक पखवाड़े से चली आ रही मां नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा सम्पन्न हो जायेगी।
पहाड़ हिमालय की बेटी मां नंदा देवी की लोकजात यात्रा पिछले नौ सितंबर को कुरुड से शुरू हुई थी। यहां भव्य आयोजन के बाद मां नंदा को भावुकता के साथ मैतियों ने अपनी धियाण को ऋतु फल समौण देकर कैलास के लिए विदा किया। वहीं यहां से दशोली व बधाण की डोलियां अपने विभिन्न यात्रा पड़ावों से होते हुए आगे बढ़ी। जहां सभी पड़ावों पर ग्रामीणों द्वारा मां नंदा देवी का पुष्प अक्षत्रों से भव्य स्वागत करते हुए ऋतु फलार काकड़ी, मुंगरी, चूडा सहित अन्य फल समौण देकर मां नंदा को कैलास के लिए विदा किया गया। अपने विभिन्न यात्रा पड़ावों से गुजरते हुए आज मां नंदा अपनी अंतिम यात्रा पड़ाव पहुंच गयी है। जहां कल नंदा सप्तमी पर वार्षिक लोकजात संपन्न होगी।