लाटू और मां नंदा के मिलन को देख छलछलाई भक्तों की आंखे, अंतिम बसागत गांव वाण पहुंची मां नंदा की डोली
देवाल
हिमालय की अधिष्टात्री देवी मां नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा अब अंतिम पड़ावों की ओर अग्रसर है। आज बधाण की मां नंदा राज राजेश्वरी की डोली वाण गांव पहुंची जहां पर धर्म भाई लाटू देवता और मां नंदा के मिलन का दृश्य देखकर भक्तों की आंखे छलछला गयी। वाण गांव में ग्रामीणों ने पौराणिक लोकगीतों और जागरों के साथ मां नंदा का स्वागत किया।
नंदा के लोकगीत, जागर और पारम्परिक लोकनृत्य देख अभिभूत हुए लोग
वार्षिक लोकजात यात्रा में मां बधाण की नंदा राजराजेश्वरी की डोली के अंतिम बसागत वाण गांव में पहुंचने पर वाण गाँव की महिलाओं नें मां नंदा के लोकगीतों और जागरों की शानदार प्रस्तुति दी।
महिलाओ द्वारा पारम्परिक झोडा और झुमेलो नृत्य ने श्रद्धालुओं को अभिभूत कर दिया। महिलाओं द्वारा पारम्परिक वेशभूषा में किया गया लयबद्ध और कतारबद्ध लोकनृत्य ने पहाड की सांस्कृतिक विरासत को जींवत कर दिया।
इस अवसर पर लाटू देवता के पुजारी खीम सिंह नेगी, लाटू मंदिर समिति के उपाध्यक्ष हीरा सिंह पहाडी, जागर गित्योर हुकुम सिह, सामाजिक कार्यकर्ता हीरा सिंह गढवाली, देवेंद्र सिंह बिष्ट, रणजीत सिंह, मोहन सिंह, धन सिंह, अवतार सिंह, खिलाफ सिंह, देवेंद्र सिंह पंचोली, महिला मंगल दल अध्यक्ष नंदी देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य रामेश्वरी देवी, घनश्याम सिंह, गब्बर सिंह दानू, देवेंद्र सिंह दानू, गंगा सिंह, ढोल वादक बखतावर राम, भवान राम सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।