लक्ष्मण नेगी की रिपोर्ट
ऊखीमठ : न्यायालय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा कुण्ड – चोपता – गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों किनारों युगों से व्यवसाय कर रहे हक – हकूकधारियों व्यापारियों को बेदखली के नोटिस जारी किए जाने के विरोध में चोपता व्यापार मण्डल इकाई के तत्वावधान में तुंगनाथ घाटी के व्यापारियों का आन्दोलन दूसरे दिन भी जारी रहा। आन्दोलन के दूसरे दिन व्यापारियों ने तुंगनाथ घाटी के विभिन्न यात्रा पड़ावों पर प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि यदि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन ने स्थानीय व्यापारियों की आजीविका के साथ खिलवाड़ किया तो आन्दोलन को उग्र रूप दिया जायेगा, साथ ही यह निर्णय लिया गया कि मंगलवार को स्थानीय व्यापारियों द्वारा तहसील मुख्यालय में भारत सेवा आश्रम से तहसील चौराहे तक मौन जुलूस निकाला जायेगा तथा तहसील प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर न्याय की गुहार लगाकर पर्यटन व रोजगार नीति बनाने की मांग की जायेगी। सोमवार को निर्धारित कार्यक्रम के तहत तुंगनाथ घाटी के विभिन्न यात्रा पड़ावों के व्यापारी मक्कू बैंड में एकत्रित हुए तथा मक्कू बैण्ड, दुगलविट्टा, पंगेर, बनिया कुण्ड, पटवाडा, चोपता व भूनकुन यात्रा पड़ावों पर प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि यदि प्रदेश सरकार व स्थानीय प्रशासन युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए पर्यटन व रोजगार नीति नहीं बनाता है तो व्यापारियों को अपने हकों को पाने के लिए उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। व्यापारियों को सम्बोधित करते हुए व्यापार संघ अध्यक्ष भूपेंद्र मैठाणी ने कहा कि तुंगनाथ घाटी में आज भी विद्युत, संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने से स्पष्ट हो गया है कि केन्द्र व प्रदेश सरकारों ने तुंगनाथ घाटी की उपेक्षा की है जबकि तुंगनाथ घाटी के जनमानस युगों से तुंगनाथ घाटी के पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए हमेशा प्रयासरत रहा है उसी के फलस्वरूप आज तुंगनाथ घाटी को विश्व मानचित्र पर जगह मिली है। प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण कई युवाओं का रोजगार छीन गया था तथा आज वे युवा तुंगनाथ घाटी में ढाबों का संचालन कर रहे हैं, मगर प्रशासन व वन विभाग द्वारा समय – समय पर व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। प्रधान पावजगपुडा अरविन्द रावत ने कहा कि एक तरफ प्रदेश सरकार पर्यटन व्यवसाय को विकसित करने की बात कह रही है दूसरी तरफ व्यापारियों को बेदखली के नोटिस जारी करना समझ से परे है। स्थानीय व्यापारी सतीश मैठाणी ने कहा कि स्थानीय व्यापारियों द्वारा वन अधिकार अधिनियम 2006 को लागू करने की मांग लम्बे समय से की जा रही है मगर आज तक प्रदेश सरकार इस अधिनियम को लागू करने में विफल रही है। स्थानीय व्यापारी प्रदीप बजवाल ने कहा कि यदि समय रहते बेदखली के नोटिस वापस नहीं लिये गयें तो आन्दोलन को उग्र रूप दिया जायेगा। इस मौके पर क्षेत्र पंचायत सदस्य जयवीर सिंह नेगी, वन पंचायत सरपंच विजय सिंह चौहान,कुँवर सिंह राणा,विनोद नेगी,प्रमोद रावत,मदन चौहान,आशीष रावत,उमेद राणा,राजेन्द्र नेगी,आशीष रावत,उमेद राणा, राजेन्द्र नेगी, दिनेश बजवाल, मोहन प्रसाद मैठाणी, विनोद नेगी, सतवीर चौहान, आशीष मैठाणी, मनोज मैठाणी,मनोज नेगी, दिनेश मैठाणी, बिक्रम भण्डारी, सुमन नेगी, जितेन्द्र नेगी, शिशुपाल सिंह रमोला, सुमन चौहान, धर्म सिंह नेगी, दिगम्बर सिंह नेगी,दीपक सिंह राणा सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों के व्यापारी उपस्थित रहे।