लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ: तल्ला नागपुर की हृदय स्थली चोपता फलासी में विराजमान भगवान तुंगनाथ मन्दिर के पूर्व लेखाकार स्व0 महिमा नन्द बेजवाल की पुण्य स्मृति में उनकी जन्मभूमि बैजी में आयोजित आठ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत व श्रीमद् भागवत कथा में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु कथा श्रवण कर धर्म की गंगा में डुबकी लगा रहें हैं। आठ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत व श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन से बैंजी गाँव का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। आठ दिवसीय कथा के सातवें दिन विभिन्न मठों के साधु सन्तों, सामाजिक संगठनों से जुड़े समाजसेवियों व सैकड़ों ग्रामीणों ने कथा श्रवण कर पुण्य अर्जित किया। श्रीमद् देवी भागवत व श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन कथावाचक वेकटरमण सेमवाल ने कहा कि परम पिता परमेश्वर भावनाओं के वशीभूत होते हैं इसलिए जीवन के हर क्षण में परम पिता परमेश्वर का स्मरण करने से मानव सांसारिक सुखों को भोगकर अन्त में मोक्ष को प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि आत्म ज्ञान में ईश्वर का वास होता है तथा आत्म ज्ञान के फलस्वरूप ही मनुष्य तीर्थों का भ्रमण व धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होता है।
उन्होंने ब्राह्मण व यजमान के सम्बन्धों पर विस्तृत से प्रकाश डाला। कथावाचक अनुसुया प्रसाद नौटियाल ने श्रीमद् भागवत की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि जिस प्रकार हाथियों में ऐरावत, नागों में वासुकी, देवताओं में इन्द्र, देव सेनापतियों में कार्तिकेय, ऋतुओं में बसन्त ऋतु को श्रेष्ठ माना गया है उसी प्रकार पितरों के उधार के लिए श्रीमद् भागवत कथा को श्रेष्ठ माना गया है। पण्डित जगदम्बा प्रसाद बेजवाल ने बताया कि आज तक तुंगेश्वर महादेव के भूभाग में बसे पंच कोटि के ग्रामीणों सहित तल्ला नागपुर क्षेत्र के विभिन्न गांवों के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने बैंजी गाँव पहुंचकर कथा श्रवण कर पुण्य अर्जित किया। उन्होंने बताया कि कल ब्रह्म भोज के साथ श्रीमद् देवी भागवत व श्रीमद् भागवत कथा का समापन होगा। इस मौके पर आचार्य आलोक सेमवाल, रमेश चन्द्र वशिष्ठ, सर्वेश्वर गौड़, संजय गौड़, गिरीश पुरोहित, गौरव सेमवाल, नीरज भटट्, मुकेश भटट्, महन्त अभय चेतन जी, केशव स्वरूप जी, श्रीमती सुबोधनी देवी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भटट् दिल्ली हाईकोर्ट वरिष्ठ अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोडा़, वरिष्ठ साहित्यकार रमाकांत बेजवाल, आचार्य कृष्णा नन्द नौटियाल, शैलेन्द्र मिश्रा, कलश संस्था संयोजक ओ पी सेमवाल, जगदम्बा चमोला, बुद्धि बल्लभ थपलियाल, धनश्याम पुरोहित, भगवती बेजवाल, हरीश बेजवाल, वेद प्रकाश बेजवाल, सन्तोष बेजवाल, कैलाश बेजवाल, गगन बेजवाल, प्रभाकर बेजवाल, नीलकंठ बेजवाल, शिव प्रसाद बेजवाल, पवन बेजवाल, नीरज नेगी सहित सैकड़ों कथा प्रेमी मौजूद रहे।