ऊखीमठ : चुन्नी बैण्ड – त्रिवेणी – बेडूला पैदल मार्ग मधु गंगा के कटाव से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है जिससे ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर आवाजाही करने पड़ रही है या फिर मीलों दूरी अतिरिक्त तय करने के बाद तहसील व विकासखण्ड मुख्यालय सम्पर्क करना पड़ रहा है। यदि समय रहते मधु गंगा के कटाव से क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग का ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो किसी अनहोनी घटना घटित होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। ग्रामीणों द्वारा मधु गंगा के कटाव से क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग के ट्रीटमेंट के लिए नगर पंचायत से गुहार लगाई है।
बता दें कि चुन्नी बैण्ड – त्रिवेणी – बेडूला पैदल मार्ग पर प्राचीन काल से ग्राम पंचायत बेडूला, जग्गी बगवान, कुणजठी के ग्रामीणों के साथ ही ऊखीमठ से सिद्धपीठ कालीमठ जाने वाले ग्रामीण आवाजाही करते हैं। बेडूला, जग्गी बगवान गांवों के ग्रामीणों तहसील व विकासखण्ड कार्यालयों के कामकाज के साथ ही रोजमर्रा की सामाग्री खरीदने के लिए उक्त पैदल मार्ग से ही आवाजाही करते हैं। केदार घाटी सहित विभिन्न इलाकों में विगत कई दिनों से मूसलाधार बारिश होने तथा मधु गंगा का वेग उफान में आने के कारण पैदल मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर आवाजाही करने पड़ रही है। मधु गंगा के कटाव से पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने तथा ऊपरी पहाड़ी से लगातार भूधंसाव होने के कारण राहगीरों को जंगलों के मध्य कंटीली झाडियों से गुजरना पड़ रहा है। जंगलों में भी पैदल मार्ग न होने से फिसलने का भय बना हुआ है। यदि समय रहते मधु गंगा के कटाव से क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग का ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग से आवाजाही करने वाले ग्रामीणों के साथ अप्रिय घटना घट सकती है! पूर्व प्रधान बेडूला नरोत्तम सिंह राणा ने बताया कि मधु गंगा के कटाव से क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग के ट्रीटमेंट के लिए तहसील प्रशासन से गुहार लगाई गयी थी तथा तहसील प्रशासन ने नगर पंचायत ऊखीमठ को क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग के ट्रीटमेंट के आदेश जारी किये थे मगर आज तक पैदल मार्ग का ट्रीटमेंट न होने से ग्रामीण जान – जोखिम में डालकर आवाजाही करने के लिए विवश बने हुए हैं।