नंदप्रयाग : हरेला पखवाड़े पर थिरपाक गांव की महिलाओं ने अपनी वन भूमि पर चारापत्ती पौधों का सघन रोपण कर उनके संरक्षण का संकल्प लिया गया।
पर्यावरण संरक्षण में थिरपाक गांव की महिलाओं का हमेशा ही अहम योगदान रहा है।
जिसका परिणाम है कि ग्रामीणों ने अपने मेहनत से बड़े वन भूमि को हराभरा बनाया है। जिससे गांव के आसपास भूस्खलन जोन भी रूका है। ग्रामीण महिलाओं व स्वयं सहायता समूह द्वारा हर तीज त्यौहार पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
हरेला पखवाड़े के तहत थिरपाक गांव की महिलाओं व स्वयं सहायता समूहों द्वारा वन पंचायत व निजी भूमि पर बुधवार को चारापत्ती पौधों का रोपण किया गया। जिसमें महिलाओं द्वारा 200 पौधों का रोपण किया गया। साथ ही इनके संरक्षण का भी संकल्प लिया गया। इसमें स्वयं सहायता समूहों को हिमाद द्वारा सहयोग किया गया।
थिरपाक गांव की पर्यावरण प्रहरी लक्ष्मी रावत ने बताया कि उनके द्वारा हरेला पखवाड़े पर 200 चारापत्ती पौधों का रोपण किया गया। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य गांव की खाली वन पंचायत व निजी बजंर भूमि पर अधिक से अधिक पौधों का रोपण करना है। इस मुहिम में सभी ग्रामीण महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूहों का अहम योगदान है।
कहा कि हम अपने लक्ष्य पर निरंतर कार्य कर रहे हैं, जिसका परिणाम अगले कुछ सालों में दिखाई देगा। इस अवसर पर महिला मंगल दल अध्यक्षा उर्मिला देवी, लक्ष्मी रावत ग्राम संगठन, अध्यक्ष आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शकुंतला देवी, एलसीएम से मीना रावत, बलबीर सिंह रावत, हिमाद समिति से भूपेंद्र सिंह के साथ ही अन्य ग्रामीण महिलाएं उपस्थित रहे।