चमोली : एनआरएलएम के तहत आजीविका संवर्द्धन में बेहतरीन कार्यों के लिए सीमांत जनपद चमोली को मिला राष्ट्रीय स्तर पर स्कॉच अवार्ड
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों की आजीविका को सशक्त करने के लिए जनपद चमोली में चलाए गए विभिन्न कार्यक्रमों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। इसके लिए जिले को स्कॉच अवार्ड मिला है।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना एवं मुख्य विकास अधिकारी डॉ ललित नारायण मिश्र के मार्ग निर्देशन में जिला विकास अधिकारी डॉ महेश कुमार ने विगत 24 मई 2023 को Skoch Award Nominee के अन्तर्गत Skill Development of Self Help Groups के कार्यों का राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुतीकरण दिया। जिसमें निर्णायक मंडल ने चमोली जिले में भोज पत्र लेखन, लैंटाना से फर्नीचर निर्माण, फल संरक्षण (तिमले का अचार), बद्री प्रसाद निर्माण, आदि आजीविका संवर्धन गतिविधियों की सराहना की। एनआरएलएम के तहत बेहतरीन आजीविका संवर्धन कार्यो को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर ओपन वोटिंग हुई। जिसमें चमोली जनपद को स्कॉच अवार्ड से सम्मानित किया गया।
जिले में आजीविका संवर्द्धन के लिए किए गए प्रमुख कार्य
1. एनआरएलएम समूह के 35 सदस्यों को ईटीसी गोपेश्वर में 15 दिवसीय लैन्टाना से उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें लैन्टाना से चियर, डस्टबिन एवं अन्य सामग्री तैयार की जा रही है। इसके अन्तर्गत वन विभाग द्वारा रूद्रनाथ यात्रा मार्ग पर लैन्टाना से बने 100 डस्टबिन लगाने का आर्डर मिला। इससे समूह सदस्यों को लैन्टाना से तैयार उत्पादों की बिक्री से 65000 रुपए की आय अर्जित हुई। इससे हमारा पर्यावरण भी सुरक्षित हो रहा है एवं लैंटाना घास का उन्मूलन हो रहा है।
2. प्रधानमंत्री के सीमांत गांव माणा भ्रमण के दौरान एनआरएलएम के समूह सदस्यों ने प्रधानमंत्री जी को भोजपत्र पर तैयार सोविनियर एवं भोजपत्र की माला भेंट की थी। प्रधानमंत्री ने इस कार्य के लिए भोटिया जनजाति की महिलाओं की सराहना की। जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी के दिशा निर्देश पर समूह की महिलाओं को भोजपत्र लेखन का प्रशिक्षण दिया गया। समूह सदस्यों द्वारा भोजपत्र सोविनियर विक्रय से अभी तक करीब 89500 की आय अर्जित की गयी है।
3. श्री बदरीनाथ प्रसाद निर्माण के अन्तर्गत समूह सदस्यों द्वारा चौलाई के लड्डू, गुलाब जल, चूली का तेल, हर्बल धूप, बद्री गाय का घी, बद्री तुलसी एवं स्थानीय उत्पाद कैनोपी के माध्यम से विपणन किए जा रहे है। जनपद में इस वर्ष समूह सदस्यों द्वारा इन उत्पादों के विपणन से 1172055 रुपये का व्यवसाय किया गया।
4 जनपद चमोली में एनआरएलएम समूह सदस्यों द्वारा फल संरक्षण के अन्तर्गत माल्टे का जूस, ऑवले का जूस, बेल का जूस, बुराश का जूस सेब का जूस, एवं विभिन्न प्रकार के जैम व तैयार किए जा रहे है। पहाड़ी अनजीर (तिमला) का अचार एवं फल संरक्षण सामाग्री समूह सदस्यों तैयार की जा रही है, जिसे हिमान्या एवं नैचुरल पहाड़ी के ब्रॉन्ड से बेचा जा रहा है। जिससे समूह को अच्छी आजीविका अर्जित हो रही है।
5. विकासखंड दशोली के अन्तर्गत एनआरएलएम समूह सदस्यों द्वारा प्राकृतिक रूप से निर्मित बैजन्ती माला तैयार की जा रही है। वैजयंती माला का यात्रा मार्ग पर विपणन से समूह सदस्यों को करीब 60 हजार आय अर्जित हुई है।
6. विकास खण्ड थराली के अन्तर्गत मंडूवा बिस्कुट निर्माण की यूनिट स्थापित है। जिसमें एनआरएलएम के समूह सदस्यों द्वारा मंडुवे के बिस्कुट एवं बेकरी के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, जिसके विपणन से समूह सदस्यों की आजीविका संवर्धन हो रहा है।
जिले में किए गए इन कार्यों से स्वयं सहायता समूहों व समुदाय की आय में वृद्धि को राष्ट्रीय स्तर पर स्काच पुरुस्कार मिला है और जनपद चमोली की अभिनव पहल को व्यापक सराहना की गई है। जनपद को राष्ट्रीय स्तर पर पुरुस्कार मिलने पर सचिव, अपर सचिव ग्राम्य विकास सहित जनपद के बुद्धिजीवी एवं अधिकारी वर्ग ने बधाई दी और एनआरएलएम समूह से जुड़े सभी सदस्यों को शुभकामनाएं दी है।