फूलों की घाटी : क्वीन ऑफ अल्पाइन हिमालयन फ्लावर्स ब्लू पॉपी की एक झलक पाकर भावुक हुई जापानी पर्यटक असकूरा जिनको
संजय कुंवर फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान से सीधी रिपोर्ट
उत्तराखंड की उच्च हिमालय में मौजूद लोकपाल घाटी में स्थित विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में इन दिनों सफेद प्रिमुला पुष्पों की रंगत चारों और बिखरी हुई है। हालांकि रेड पोटेंटिला,जिरेनियम,एस्टर,फॉर्गेट्र मी नॉट,हिमालयन ब्लू पॉपी,कोबरा लिली,स्नेक लिली,रिवर ब्यूटी पुष्पों से लेकर कई अन्य प्रजाति के ऑर्किड प्रजातियों के पुष्पों की महक घाटी की प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगा रही है। वहीं हिमालई पुष्पों की रानी कहीं जाने वाली हिमालयन ब्लू पॉपी भी अभी घाटी में सीमित संख्या में दिख रही है। साथ ही कैंपानुला, साइलिन सहित अन्य बेल फ्लावर्स की प्रजातियां भी बस खिलने के अंतिम चरण में है।
फूलों की घाटी की सुन्दरता से उत्साहित जापानी दल
इस वर्ष फूलों की घाटी में एक जून से लेकर अबतक करीब 2600 देशी – विदेशी पर्यटकों की आमद हुई है। आजकल घाटी में फूलों का दीदार करने के लिए सबसे उत्तम सीजन है जो 15 अगस्त तक जारी रहेगा। सबसे दिलचस्प बात ये है कि अभी घाटी में द्वारी पेरा ब्रिज से पहले पुष्पावती नदी के ऊपर रॉकी एरिया में कुछ ब्लू पॉपी के पुष्प खिले हैं, वहीं बामन धोड़ से पहले भी रॉक एरिया के समीप कुछ ब्लू पॉपी के पुष्प खिले नजर आ रहे हैं जिन्हे देख कर घाटी में प्रकृति पर्यटन हेतु पहुंचा एक जापानी दल मंत्र मुग्ध हो गया। एक चट्टानी क्षेत्र में खिले ब्लू पॉपी के पुष्प को अपने कैमरे में कैद करने की तमन्ना को लिए जापानी दल की महिला सदस्य आसकुरा जिनको ने तो कई देर तक ब्लू पॉपी फूल को निहारा और उसी की सुंदरता में खो गई और कुछ पल के लिए भावुक भी हो गई। हालंकि बाद में जापानी महिला पर्यटक ने दुर्लभ ब्लू पॉपी पुष्प की एक तस्वीर क्लिक कर ही ली। इस क़दर अल्पाइन पुष्पों से अगाध प्रेम आदर और सम्मान फूलों की घाटी में प्रकृति प्रेमियों में बड़ी बात है। कुछ लोगों को जहां विश्व धरोहर फूलों की घाटी में महज हरे घास ओर पत्ते नजर आते हैं वहीं जापानी पर्यटकों को यहां अल्पाइन पुष्पों के प्रति आदर,सम्मान और आकर्षण घाटी में आने वाले अन्य पर्यटकों के लिए भी प्रेरणा का विषय है। प्रकृति का सम्मान कैसे करते हैं वो यह जापानी पर्यटक दल सिखा गया है।