केएस असवाल
गौचर : बरसात का सिलसिला शुरू होते ही पालिका क्षेत्र की पेयजल योजना के नलों पर मिट्टी युक्त पानी आने से क्षेत्र वासियों के सामने पेयजल का गंभीर संकट पैदा हो गया है।
पालिका क्षेत्र गौचर की जनता लंबे समय से गंभीर पेयजल संकट का सामना कर रही है। हालांकि क्षेत्र को पेयजल मुहैया कराने के लिए प्राकृतिक जल श्रोतों के अलावा करोड़ों की लागत से रीवर बैंक फिल्टरेसन योजना के तहत पेयजल लिफ्ट पंप योजना का भी निर्माण किया गया है। दरअसल प्राकृतिक जल श्रोतों का पानी के लिए पाइप लाइन सिदोली क्षेत्र के अलावा पालिका क्षेत्र के पनाई क्षेत्र के नजदीक इसी गधेरे से बिना फिल्टर के बिछाई गई हैं। गर्मियों में प्राकृतिक श्रोतों पर पानी की मात्रा घटने से क्षेत्र की जनता को गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है। बरसात के दिनों में जंगलों से तमाम कूड़ा करकट मिट्टी बहकर नलों के माध्यम से लोगों के घरों तक पहुंचने से लोगों के सामने पीने योग्य पानी की समस्या पैदा हो जाती है। इस योजना पर हाल ही में 83 लाख की लागत से 5 लाख लीटर की क्षमता का टैंक का भी निर्माण किया गया है। लेकिन समस्या वर्षों से जस की तस बनी हुई है। क्षेत्र की जनता योजना पर फिल्टर लगाने की मांग वर्षों से करती आ रही है लेकिन शासन प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। यही हाल पेयजल लिफ्ट पंप योजना का भी है इसका खराब रहना आम बात हो गई है। व्यापार संघ अध्यक्ष राकेश लिंगवाल का कहना है कि वर्तमान विधायक भी गौचर के ही निवासी हैं। जल संसाधन के अधिशासी अभियंता ने भी अपना निवास स्थान गौचर में ही बनाया हुआ है बावजूद इसके गौचर क्षेत्र की पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतरी हुई नजर आ रही है। उनका कहना है कि क्षेत्र की जनता को जिस प्रकार का गंदा पानी मुहैया कराया जा रहा है इससे महामारी फैलने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।