नशे से दूर रह कर राष्ट्र निर्माण में योगदान दे युवा: ललित जोशी
युवा पीढ़ी ही राष्ट्र निर्माण की रीढ़ की हड्डी है
४० हजार युवाओं से सीधा संवाद कर नशे के दुष्प्रभावों से नशे से दूर रहने की दिलाई शपथ
७ लाख छात्र-छात्राओं को युवा संवाद कार्यक्रम से जोड़ा
१५०० से अधिक स्कूलों में किया गया संवाद कार्यक्रम
देहरादून। नशा व्यक्ति को ही नहीं पूरे राष्ट्र को नुकसान पहुंचाता है, यह राष्ट्रीय निर्माण में बहुत बड़ा बाधक है। युवाओं को चाहिए कि वे नशे से दूर रह कर समाज व राष्ट्र के नव निर्माण में अपना योगदान दें। यह बात मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्ट्राचार निवारक समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने देहराून स्थित एक होटल में आयोजित एक प्रत्रकार वार्ता में व्यक्ति किए। उन्होंने बताया कि समिति द्वारा विगत १५ वर्षों से नशे के खिलाफ किए जा रहे कार्यों को लेकर जानकारी दी गई। जोशी ने बताया कि उनके द्वारा विगत युवा संवाद कार्यक्रम के जरिए वह विगत १५ से अधिक वर्षों से नशा उन्मूलन को लेकर प्रयासरत हैं, २००५ में हल्द्वानी से उन्होंने इस अभियान शुरूआत की थी, और अब तक लाखों युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक कर चुके हैं। आगे भी उनका यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि हाल ही में वह प्रदेश भर के सभी जनपदों में ५० से अधिक स्कूलों में छात्र-छात्राओं से संवाद कर लौटे हैं, जनवरी माह में उन्होंने २०२३ के प्रथम चरण की शुरूआत ऋषिकेश, देहरादून से करते हुए टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली गढ़वाल, बागेश्वर कपकोट, पिथौरागढ़, मुनस्यारी, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, अल्मोड़ा हरिद्वार में ४० हजार से अधिक युवाओं से सीधा संवाद कर नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई। इस दौरान उन्होंने बताया कि अब तक युवा संवाद के जरिए सजग इंडिया के माध्यम से “राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका, युवाओं की दशा और दिशा, आतंक का हथियार नशा”, विषय पर १५०० से अधिक स्कूलों में ७ लाख छात्र-छात्राओं को युवा संवाद कार्यक्रम से जोड़ा, इस कार्यक्रम को सजग इंडिया यू-ट्यूब पर ६० मिलियन से अधिक लोग देख चुके हैं, जबकि देशभर से २ लाख ३५ हजार लोग इस मुहिम के सदस्य बन चुके हैं। जोशी ने कहा कि पूरा विश्व आज भारत को युवाओं के देश के रूप में देखता है लेकिन देश एवं प्रदेश की अधिकांश युवा पीढ़ी जाने अनजाने में नशे के गिरफ्त में जा रहे हैं, और आज नशा आतंक का एक हथियार बन चुका है। जोशी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड का भी संकल्प है कि २०२५ तक देश-प्रदेश का युवा व्यसनमुक्त बने, यह तभी संभव होगा जब सामाजिक संस्थाएं, शिक्षण संस्थाएं तथा समाज का प्रत्येक नागरिक प्रशासन एवं पुलिस का कंधे से कंधा मिलाकर इस मुहिम में साथ दें।इस मौके पर हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड़, के कुलपति डॉ. हेम चन्द्रा ने कहा कि समाज में नशा आज एक जहर के रूप में घुल चुका है, हमें इस जहर से अपने बच्चों को बचाना होगा। उन्होंने एडवोकेट ललित मोहन जोशी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ललित मोहन जोशी अपना सबकुछ छोडक़र पहाड़ों में युवाओं के बीच पहुंचकर युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक कर सकतें हैं तो हमें भी उनके इस प्रयास को सहयोग देना चाहिए। वहीं पद्मश्री लवराज सिंह धर्मशक्तू असिस्टेंट कमांडेंट बीएसएफ, ने कहा कि ललित जोशी जी का पहाड़ों मेें बच्चों के बीच पहुंचकर उन्हें नशे के खिलाफ जागरूक करना एक सराहनीय पहल है। (सेवानिवृत्त) जिला जज देहरादून, सदस्य राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण गिरधर सिंह धर्मशक्तू ने अपने विचार रखते हुए कहा कि बच्चों में नशे की लत लगना एक गंभीर समस्या है, आज आधुनिकता की होड़ में युवकों के साथ युवतियां भी नशा कर रहीं हैं। युवाओं को इससे बचाने के लिए सबसे बड़ा उपाय जन-जागरूकता है, केवल एक ललित जोशी नहीं बल्कि पूरे समाज को इसके प्रयास करने होंगे। वहीं (सेवानिवृत्त) इंस्ट्रक्टर आईएमए देहरादून, इंस्ट्रक्टर ओटीए चेन्नई लेफ्टिनेंट कर्नल करूणा थपलियाल ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि एडवोकेट ललित मोहन जोशी द्वारा युवाओं के बीच नशे के खिलाफ जो जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है वह एक सराहनीय प्रयास है, हमारे शासन-प्रशासन को भी इस तरह की पहल को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शासन को अपनी आय बढ़ाने के लिए नशे के उत्पादों के बजाय शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा देना चाहिए। हमें टोको और रोको की रणनीति के साथ आगे बढऩा होगा, नशा करने वाले व नशा बेचने वाले को भी टोकना होगा।वहीं उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय राणा ने कहा कि आज प्रदेश का विकास हो ना हो ना लेकिन नशा जरूर विकास कर चुका है, आज नशा पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच चुका है। नशे के खिलाफ एडवोकेट ललित मोहन जोशी द्वारा किया जा रहा प्रयास एक सराहनीय पहल है, मीडिया और पुलिस भी इसमें अहम भूमिका निभा सकती है।वहीं आईपीएस सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक उत्तराखंड राम सिंह मीणा ने कहा कि मैं ललित जोशी के इस अभियान में काफी लंबे समय से जुड़ा हुआ हूं, उनके द्वारा लंबे समय से यह अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नशा आज एक सबसे बड़ा अपराध बन गया है। हमें अपने युवाओं को इस अपराध से दूर रखने के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि अकेले पुलिस ही इस कार्य को नहीं कर सकती बल्कि पूरे समाज को इसका प्रयास करना होगा। जोशी को उनके इस कार्य में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार रमेश भट्ट व रेडियो जॉकी आरजे काव्य कविन्द्र सिंह मेहता ने भी अपने विचार साझा किए। प्रेसवार्ता में संयुक्त निदेशक विधि देहरादून जीसी पंचोली, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी देहरादून जीपी रतूड़ी, सेवानिवृत्त मेजर ललित सामंत , निदेशक कैलाश हॉस्पिटल पवन शर्मा समिति, सदस्य रमेश चन्द्र जोशी, संजय जोशी, मोहित बिष्ट, उमेश जोशी आदि लोग मौजूद रहे।