जोशीमठ के अस्तित्व बचाने के लिए जन आक्रोश रैली में उमड़ी भीड़ – पहाड़ रफ्तार

Team PahadRaftar

जोशीमठ के अस्तित्व बचाने के लिए जन आक्रोश रैली में उमड़ी भीड़

संजय कुंवर,जोशीमठ

भू धंसाव और कटाव से नगर की सैकड़ों मकानों में पड़ी दरारों के बीच अब ऐतिहासिक धार्मिक पर्यटन नगरी जोशीमठ के अस्तित्व को बचाने के लिए शासन – प्रशासन से अंतिम बार आरपार की लड़ाई के लिए आज नगर क्षेत्र जोशीमठ में जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया।

 

जिसमें सैकड़ों नगर वासियों का जन सैलाब उमड़ा साथ ही जोशीमठ के मुख्य बाजार भी रैली के समर्थन में बंद रहे। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले व्यापार संघ जोशीमठ, नगर के 9 वार्डों के महिला मंगल दलों, युवक मंगल दलों, सहित क्षेत्रीय विधायक राजेंद्र भंडारी सहित जन आंदोलन में नगर के सभी जन प्रतिनिधि शामिल हुए। जोशीमठ नगर के मुख्य बाजार होकर भू -धंसाव की घटना से परेशान लोगों ने शनिवार को जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले एक विशाल जुलूस/प्रदर्शन हुआ। पारम्परिक वाद्य यंत्रों ढोल दमों के साथ बदरीनाथ टैक्सी स्टैंड से शुरू हुआ जुलूस प्रदर्शन पूरे जोशीमठ नगर में घूम कर तहसील परिसर के बाहर पहुंच एक विशाल जन सभा में तब्दील हुआ।वहीं सभा को जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष और वर्तमान पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार,संयोजक अतुल सती, बद्रीनाथ के विधायक राजेन्द्र भण्डारी, देवपुजाई समिति के अध्यक्ष भगवती प्रसाद नंबूरी, ब्यापार संघ अध्यक्ष नैन सिंह भण्डारी, ब्लॉक प्रमुख हरीश परमार,कमल रतूड़ी, श्रीराम डिमरी, पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, पालिका सभासद समीर डिमरी, गौरव नंबूरी, पूर्व पालिकाध्यक्ष माधवी सती, पूर्व सभासद ललिता देवी सहित अनेक लोगों ने संबोधित किया।
वहीं सभा के उपरांत तहसीलदार जोशीमठ के माध्यम से सूबे के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। जिसमें पूर्व में नगर में हुए भूगर्भीय वैज्ञानिक अध्ययन का संज्ञान लेते हुए उस पर कार्यवाही करने,नगर वासियों के घर व मकानों का बीमा एनटीपीसी से कराने,जोशीमठ के विस्थापन व पुनर्वास हेतु एक उच्चाधिकार कमेटी का गठन करने,भू धंसाव के कारण बेघर हुए लोगों को जल्द पुनर्वास देने सहित,दरक चुके घरों की क्षतिपूति वर्तमान रेट से किए जाने,वर्तमान विस्थापन व पुनर्वास नीति मे संशोधन करने तथा भू धंसाव से बेघर हुए लोगों की यथाशीघ्र आवास/निवास की व्यवस्था करने की मांग की गई है।

गौरतलब है कि जोशीमठ नगर भू धंसाव के चलते बर्बादी के कगार पर खड़ा है, नगर के सभी वार्डों में भूस्खलन और धंसाव से मकानों में दरार पड़ी है लोग पलायन कर अपने घरों को छोड़ गए हैं। ऐसे में जोशीमठ को बचाने के लिए ये आखिरी दमदार जन आंदोलन कितना कारगर साबित होगा ये आने वाले समय में पता लगेगा फ़िलहाल भू – धंसाव को लेकर नगर वासियों का आक्रोश सातवें आसमान पर है। इसका अंदाजा सरकारी खूफिया तंत्र सहित प्रशासन तंत्र को लग चुका है, देखना होगा कि कितनी जल्दी इस जन आंदोलन के बिंदुओं पर सरकार अमल करेगी ?

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