ऊखीमठ : पंच केदारों में सबसे ऊंचाई वाले भू-भाग में विराजमान तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट बन्द होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। सोमवार को 11:30 बजे शुभ लगन के अनुसार वेद ऋचाओं व विधि – विधान से भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जायेगें। 6 मई से लेकर रविवार तक 27 हजार, 891 तीर्थ यात्रियों ने भगवान तुंगनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। तुंगनाथ धाम में इस बार क्षमता से अधिक तीर्थ यात्रियों के पहुंचने से नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है क्योंकि इससे पूर्व तुंगनाथ धाम में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या 10 हजार तक सिमटकर रह जाती थी। जानकारी देते हुए मन्दिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने बताया कि भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। उन्होंने बताया कि सोमवार को भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली कैलाश से रवाना होगी तथा विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए तथा सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि 8 नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली बनियाकुण्ड, दुगलविट्टा, मक्कू बैण्ड होते हुए हूण्हू व वनातोली पहुंचेगी जहाँ पर ग्रामीणों द्वारा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को अर्ध्य अर्पित कर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की जायेगी तथा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंचेगी ! श्री पोस्ती ने बताया कि 9 नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी तथा 10 नवम्बर से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा मक्कूमठ में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शुरू होगी।