गोपेश्वर : अर्जुन ने छल से किया गैंडा का वध, गैंडा वध देखने के लिए पहुंचे सैकड़ों ग्रामीण।
किलोंडी नारायण गांव में 18 वर्षों बाद पांडव लीला में आज अर्जुन द्वारा गैंडा का वध किया गया। जब महाभारत में पांडव राजाओं को गोत्र हत्या का आरोप लगा था तब राजा पांडू के श्राद्ध में तर्पण देने के लिए खगोती चाहिए थी तब अर्जुन नागलोक गया था जहां का राजा नाकार्जुन का पालतू जानवर गैंडा को अर्जुन ने मार दिया।
तब नकार्जुन ने अर्जुन से युद्ध किया और अर्जुन मूर्छित हो गये थे। अर्जुन की पगड़ी और घनुष छीनकर नाकार्जुन अपनी माता वसुन्धरा के दरवार में गया। जहां बसुन्धरा ने बोला था बेटा तूने ये क्या किया ये तो तेरे पिताजी अर्जुन थे तब माता ने नारायण भगवान की उपासना की। कृष्ण की लीला से अर्जुन और नाकार्जुन की पहचान हुई थी। आज भी पांडव नृत्य में गैंडा कौतिग खासा महत्व है। कौथिग देखने के लिए आज भी क्षेत्र के ग्रामीण बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
गैंडा कौथिग में प्रेमसिह,अंकित सिंह, संदीप सिंह, सोवत सिंह, रमेश असवाल, हरेंद्रसिंह रावत, अनुज सिंह ने ऐसा भव्य रूप से चक्रव्यूह जैसा बना कर दर्शकों का मन मोह लिया। अर्जुन के पात्र सुधीर नेगी, नागार्जुन सुरजीत सिंह, भीम कलम सिंह, युधिष्ठर शिशुपाल सिंह, नकुल हरेन्द्र सिंह, सहदेव वीरेन्द्र सिंह, मायाफुलारो धन सिंह, घटोतकक्ष दीवान सिंह, नारायण राकेश सिंह, हनुमान कुन्दनसिह, द्रौपदी शिव सिंह, ग्राम प्रधान दीपक असवाल, संरक्षक डबल सिंह सजवाण, अध्यक्ष नन्दन सिंह असवाल, रणजीत सिंह व महिपाल सिंह हैं।