ऊखीमठ : द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी भगवान केदारनाथ के कपाट बन्द होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। कपाट बन्द होने से पूर्व बुधवार को हरिद्वार सासंद डा0 रमेश पोखरियाल निशंक सहित विभिन्न राज्यों के सैकड़ों उद्योगपतियों, मठाधीशों व सैकड़ों भक्तों ने भगवान केदारनाथ की पूजा – अर्चना पर पुण्य अर्जित कर विश्व समृद्धि की कामना की। कपाट बन्द होने की तैयारियों को लेकर बद्री केदार मन्दिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय व उपाध्यक्ष किशोर पंवार भी केदारनाथ धाम पहुंच चुके हैैं। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद डा0 रमेश पोखरियाल निशंक के केदारनाथ धाम पहुंचने पर केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, लक्ष्मी नारायण जुगराण, कुबेरनाथ पोस्ती, राजकुमार तिवारी, उमेश चन्द्र पोस्ती, सन्तोष त्रिवेदी सहित मन्दिर समिति के अधिकारियों ने उनका भव्य स्वागत किया। हरिद्वार सासंद डा0 रमेश पोखरियाल निशंक ने भगवान केदारनाथ के दर पर पूजा अर्चना कर मनौती मांगी तथा क्षेत्र के खुशहाली की कामना की। हरिद्वार सासंद के केदारनाथ आगमन पर केदारनाथ सभा के पदाधिकारियों ने उनसे मांग करते हुए कहा कि केदार पुरी में पुराने भवनों को यथावत रखा जाय, केदार पुरी में हो रहे पुर्ननिर्माण कार्यो के निर्माण में स्थानीय जनता को विश्वास में लिया जाय तथा केदार पुरी के पिछले हिस्से में मजबूर सुरक्षा दिवाल का निर्माण कार्य किया जाय। बुधवार को विभिन्न राज्यों में उद्योगपतियों सहित सैकड़ों भक्तों ने बाबा केदारनाथ की पूजा – अर्चना कर मनौती मांगी। मन्दिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने बताया कि इस वर्ष 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम पहुंच कर पुण्य अर्जित किया। उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने बताया कि गुरुवार को भगवान केदारनाथ के कपाट बन्द होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। मुख्यमंत्री कार्यधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि बुधवार को भारी संख्या में सैकड़ों भक्तों ने बाबा केदारनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग ने बताया कि गुरूवार को भगवान केदारनाथ के कपाट बन्द होने से पूर्व भगवान केदारनाथ के स्वयभू लिंग का महाभिषेक कर अनेक पूजा सामाग्रियो से समाधि दी जायेगी तथा शुभ लगनानुसार वेद ऋचाओं व विधि – विधान से भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के बन्द किये जायेंगे। कार्यधिकारी आर सी तिवारी ने बताया कि भगवान केदारनाथ के कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव होली कैलाश से शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ के लिए रवाना होगी तथा विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी तथा 29 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में विराजमान होगी।