मायके देवग्राम पहुंची भगवती गौरा मैतियों ने किया भव्य स्वागत
रिपोर्ट रघुबीर नेगी
उर्गम घाटी की आराध्य भल्ला वंशजों की कुलदेवी भगवती गौरा आज शाम सात बजे मायके पहुंच गयी। जहां मैतियों ने भव्य स्वागत किया।
आज फ्यूलानारायण मंदिर से रात्रि विश्राम के बाद सुबह भगवती के जातयात्री मैती अपनी धियाण गौरा को बुलाने के लिए रोखनी बुग्याल पहुंचे जहां जागरों के माध्यम से भगवती का आवाह्न किया गया । पूजा अर्चना के बाद भगवती की पुष्प वाटिका से ब्रहम कमल तोड़कर भगवती के मायके के लिए तैयार होती है। ओणू आया नियोणू मेरा जम्माणी दूतों पैतासार ह्वेगी तेरू स्वनेरू जमाण पैतासार ह्वेगी तेरू नागमल दिव्वा पैतासार ह्वेगी तेरू ब्रजमुठ्ठू खानू जागरों के गायन के साथ भगवती श्री फ्यूलानारायण मंदिर पहुंच जाती है।
भगवान फ्यूलानारायण की धियाण बहन है भगवती गौरा जहां देवी की पूजा अर्चना कर भोग लगाया जाता है। भगवान नारायण से कुशलक्षेम पूछकर नारायण का आतिथ्य स्वीकार करती है मां। एक वर्ष के अन्तराल के बाद नारायण से भेंट होती है सैकड़ों श्रद्धालु मां गौरा और नारायण की भेंट के साक्षी बने। प्रसाद ग्रहण के बाद भगवान नारायण से मायके जाने के लिए भगवती विदा लेती है बड़ा भावुक पल होता है फ्यूलानारायण के लिए धियाण गौरा को विदा करना अशुंधारा फूट पड़ती है आंखों से क्योंकि अब अगले वर्ष भेंट होगी भावुक पलकों के साथ श्री फ्यूलानारायण के प्रतिनिधि फ्यूया फ्यूयाण पुजारी भगवती को विदा करते हैं। मां गौरा अपने भाई नारायण से विदा लेकर मायके की ओर निकल पड़ती है । मार्ग में विनायको से भेंट करते अब मायका दिखाई पड़ता है मां मायके पहुंचती है जहां मैती इन्तजार में रहते हैं। अपनी लाड़ली बेटी धियाण मायके पहुंच गयी देवग्राम के गौरा मंदिर में देवी की पूजा अर्चना कर ब्रहम कमल से मूर्ति को सजाया जाता है भक्तों को ब्रह्म कमल प्रसाद के रुप में दिया जाता है ।