ऊखीमठ : उत्तराखंड की लोक संस्कृति का पावन पर्व हरेला के शुभ अवसर पर प्रकृति को हरा भरा करने एवं संरक्षण के लिए सरस्वती शिशु मन्दिर फाफज द्वारा विद्यालय परिसर सहित गांव के विभिन्न तोकों में वृहद वृक्षारोपण किया गया तथा पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन का संकल्प लिया। वृक्षारोपण कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों व अभिभावकों ने भी बढ़ – चढ़ कर भागीदारी की। मदमहेश्वर घाटी के सरस्वती शिशु मन्दिर फाफज में हरेला पर्व पर आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए तहसीलदार दीवान सिंह राणा ने कहा कि हरेला पर्व प्रति वर्ष मनाया जाता है तथा प्रकृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए समय – समय पर वृक्षारोपण किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण के बाद रोपित पौधों की देखभाल करना हर जनमानस का नैतिक दायित्व है। प्रधान पाली सरूणा प्रेमलता देवी ने कहा कि भारत ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व आज पर्यावरण समस्या से जूझ रहा है इसलिए यदि हम समय – समय पर वृक्षारोपण कर धरती को हरा – भरा बनाने का संकल्प लेते हैं तो भविष्य में ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को दूर किया जा सकता है। वन पंचायत सरपंच कुंवर सिंह नेगी ने कहा कि सरस्वती शिशु मन्दिर के अथक प्रयासों से इस बार हरेला पर्व पर वृहद वृक्षारोपण किया गया। राजस्व उप निरीक्षक दिवाकर डिमरी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण अनिवार्य है। सरस्वती शिशु मन्दिर फाफज के प्रधानाचार्य सुरेन्द्र सिंह घरिया ने बताया कि हरेला पर्व पर अनार, आडू़ , तेजपाती, माल्टा, नारंगी सहित विभिन्न प्रजाति के फलदार व छायादार वृक्षों का रोपण किया गया! इस मौके पर अंजना देवी, प्रीती देवी, जगदेश्वरी नौटियाल, हिमानी, नत्थी सिंह राणा, बलवीर सिंह नेगी, महावीर सिंह राणा, आदित्य, कृष्णा, सार्थक, अतुल, सीमान्त, पायल, वंशिका, काव्या, अराध्य सहित छात्र – छात्रा व अभिभावक मौजूद रहे।