जहां भागवत कथा होती है, वहां कलियुग का कोई प्रभाव नही होता : मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी
संजय कुंवर मणिभद्रपुर,माणा
मणभद्रपुरी (माणा) गांव, बदरिकाश्रम, हिमालय, 11 जुलाई 2022 मणभद्रपुरी (माणा) गांव में आयोजित हो रही श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञानयज्ञ में सम्मिलित हुए । कथा व्यास श्री देवीप्रसाद भट्ट जी द्वारा वैदुष्यपूर्ण और भावमयी कथा का श्रवण विगत 6 दिनों से की जा रही है ।
मुख्य यजमान के रूप में श्री सी डी सिंह जी और बदरीनाथ केदारनाथ मन्दिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी श्री बी डी सिंह जी का पूरा परिवार धन्यवाद का पात्र हैं जिन्होने भगवान कृष्णचंद्र के साक्षात वाङ्मय विग्रह श्रीमद्भागवत जी के दर्शन और श्रवण का अवसर उपस्थित किया ।
ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारकाशारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज और उनके के शिष्य प्रतिनिधि पूज्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती जी महाराज का शुभाशीर्वाद सन्देश लेकर कथा में पहुंचे। मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी ने कहा कि दान का महत्व शास्त्रों में सर्वत्र बताया गया है। ये मणभद्रपुरी (माणा) विश्व का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है जहां पर आदिगुरु वेदव्यास जी महाराज ने दुर्लभ वेदज्ञान को सबके लिए सुलभ और सुगम्य बनाया । उस महानतम ज्ञान का उपदेश भागवत कथा के माध्यम से दिया जाना क्षेत्र के लिए गौरव का विषय है ।
इस अवसर पर उपस्थित रहे सर्वश्री धरणीधर जी महाराज, कुलपुरोहित हरिश्चंद्र कोठियाल जी, मौनी बाबा, डिमरी समाज के प्रतिनिधि गण, ग्राम प्रधान पीताम्बर सिंह जी, कुन्दन सिंह टिकोला जी, शिवानन्द उनियाल जी, विजय पाण्डेय जी, दिनेशचन्द्र सती , आशीर्वाद उनियाल, निखिल तिवारी आदि।