ज्योत्स्ना जोशी ‘ ज्योत’ के प्रथम काव्य संग्रह ‘ अबोले नयन ‘ का हुआ भव्य लोकार्पण
बृहस्पतिवार को ब्लाॅक सभागार कर्णप्रयाग में कलम क्रांति साहित्यिक मंच के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में ज्योत्स्ना जोशी ‘ ज्योत ‘ द्वारा रचित काव्य संग्रह ‘ अबोले नयन ‘ का लोकार्पण सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।
गौरतलब है कि कार्यक्रम का शुभारम्भ समस्त मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया तत्पश्चात कवयित्री सुनीता सेमवाल ‘ख्याति’ ने स्वरचित सरस्वती वन्दना का गायन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में प्रथम सत्र के मंचासीन गणमान्य अतिथियों में मुख्य अतिथि के रूप में खण्ड विकास अधिकारी कर्णप्रयाग ध्यान सिंह रावत रहे, अति विशिष्ट अतिथि ब्लाॅक प्रमुख श्रीमती चन्द्रेश्वरी रावत , विशिष्ट अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती दमयन्ती रतूड़ी तथा नवीन नवानी जी रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कलम क्रांति साहित्यिक मंच के संरक्षक भगत सिंह राणा ‘ हिमाद’ ने की तथा पुस्तक समीक्षा वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि नन्दन राणा ‘नवल’ ने की। एक अल्प विराम के पश्चात कार्यक्रम के दूसरे सत्र की शुरुआत वरिष्ठ कवयित्री संगीता बहुगुणा द्वारा नारी विषय पर सुन्दर काव्य पाठ कर की गयी। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में माननीय विधायक कर्णप्रयाग अनिल नौटियाल ने मंच की शोभा बढ़ायी। अन्य मंचासीन अतिथि दूसरे सत्र में भी यथावत रहे।
अबोले नयन पुस्तक का लोकार्पण समस्त अतिथियों कलम क्रांति साहित्यिक मंच के सभी सदस्यों तथा रचनाकार के माता पिता समेत परिवार जनों के बीच एक शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ।
मुख्य अतिथि माननीय विधायक श्री अनिल नौटियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि आजकल महिलाएं स्वतंत्रता पूर्वक अपने लक्ष्य का चुनाव कर सकती हैं फिर चाहे वह राजनीति हो या साहित्य । उन्होंने कहा कि कविताओं को पुस्तक का रूप देकर ज्योत्स्ना ने समाज में एक नया उदाहरण दिया है। अति विशिष्ट अतिथि श्रीमती चन्द्रेश्वरी रावत ने ज्योत्स्ना को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि एक स्त्री संघर्ष झेलती है और तब आगे बढ़ती है फिर चाहे वो साहित्य हो लेखन हो या फिर गृहणी ही क्यों न हो। विशिष्ट अतिथि नगरपालिका अध्यक्ष कर्णप्रयाग श्रीमती दमयन्ती रतूड़ी ने अपने जीवन से जुड़े कुछ प्रेरक प्रसंगों का उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार से नारी को अपने परिवार और हुनर के लिए अनुकूल समय निकालना पड़ता है । लेकिन वे कहती हैं कि हुनर को कभी कम न आंके । वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि नन्दन राणा ने पुस्तक समीक्षा कर एक अद्भुत स्वरूप सबके सामने रखा। उन्होंने बताया कि नारी का मन बहुत कोमल है खासकर कवयित्री ने जब नारियों को ही समर्पित अपनी इस पुस्तक में नारी चरित के कई तथ्यों को बेबाकी से सामने रखा है। उनकी इस पुस्तक के लिए सभी ने उनको बहुत बहुत बधाई दी।
कार्यक्रम में उपस्थित कवयित्री सन्नू नेगी, संगीता बहुगुणा, सुनीता सेमवाल, ममता शाह ने सुन्दर स्वरचित काव्य पाठ कर वातावरण को सराबोर कर दिया। अंत में समस्त मंचासीन अतिथियों को शाॅल भेंट कर मंच की परंपरा का निर्वहन किया गया। अंत में आभार भाषण आशीष थपलियाल द्वारा अपने खूबसूरत अंदाज में एक रचना प्रस्तुति करके पूर्ण कराया गया तथा कार्यक्रम अध्यक्ष भगत सिंह राणा के वक्तव्य के साथ समापन की घोषणा की गयी।
मंच संचालन कलम क्रांति साहित्यिक मंच की संस्थापिका एवं तीलू रौतेली पुरुस्कार से सम्मानित शशि देवली ने किया । कार्यक्रम में अनिल जोशी , सोमादित्य सेमवाल, तृप्ति सेमवाल, ममता डिमरी, आदित्य नवानी , राजेश जोशी , गणेश शाह, महिपाल सोनियाल, रमेश सती आदि उपस्थित रहे।