ऊखीमठ : तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलते ही तुंगनाथ यात्रा पड़ावों पर प्रतिदिन सैकड़ों तीर्थ यात्रियों की आवाजाही होने से रौनक लौटने लगी है जिससे स्थानीय व्यापारियों, तीर्थ पुरोहित समाज व मन्दिर समिति के अधिकारियों, कर्मचारियों में भारी उत्साह बना हुआ है। साथ ही ऊंचाई वाले इलाकों में प्रतिदिन रुक – रूककर हो रही बारिश से चोपता – तुंगनाथ पैदल मार्ग के दोनों तरफ फैले सुरम्य मखमली बुग्यालों में अनेक प्रजाति के पुष्प खिलने से तुंगनाथ घाटी के प्राकृतिक सौन्दर्य पर चार चांद लगने शुरू हो गये है। तुंगनाथ धाम में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु पूजा – अर्चना व जलाभिषेक कर विश्व शान्ति व समृद्धि की कामना करने के साथ ही तुंगनाथ घाटी के प्राकृतिक सौन्दर्य का भरपूर लुफ्त उठा रहे है। तुंगनाथ घाटी के आंचल में बसे विभिन्न यात्रा पडावो पर भी तीर्थ यात्रियों व सैलानियों की आवाजाही होने से विगत दो वर्षों से विरान पडे़ यात्रा पड़ाव गुलजार होने से व्यापारियों के चेहरे की रौनक लौटने लगी है। जानकारी देते तुंगनाथ धाम प्रबन्धक बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि तुंगनाथ में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु पूजा – अर्चना व जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित कर रहे है तथा तुंगनाथ के कपाट खुलने के बाद तुंगनाथ में तीर्थ यात्रियों की आवाजाही निरन्तर जारी है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन दिन शाम के समय मौसम के मिजाज बदलने तथा बारिश होने से तापमान में गिरावट महसूस की जा रही है। स्थानीय व्यापारी दिनेश बजवाल ने बताया कि तुंगनाथ घाटी के यात्रा पड़ावों पर तीर्थ यात्रियों व सैलानियों की आवाजाही होने से रौनक लौटने लगी है। प्रदीप बजवाल ने बताया कि भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलने के बाद तुंगनाथ घाटी में तीर्थ यात्रियों व सैलानियों की आवाजाही में निरन्तर वृद्धि देखने को मिल रही है। तुंगनाथ धाम की यात्रा पर पहुंचे डा0 प्रमोद रावत ने बताया कि चोपता – तुंगनाथ पैदल मार्ग के दोनों तरफ फैले सुरम्य मखमली बुग्यालों में अनेक प्रजाति के पुष्प खिलने से तुंगनाथ घाटी के प्राकृतिक सौन्दर्य पर चार चांद लगने शुरू हो गये हैं। ऋषिकेश निवासी सुरेन्द्र असवाल ने बताया कि तुंगनाथ घाटी को प्रकृति ने अपने अनूठे वैभवों का भरपूर दुलार दिया है इसलिए तुंगनाथ घाटी में बार – बार आने के लिए मन लालायित बना रहता है।