ज्योर्तिमठ : त्रिपुरसुन्दरी माता श्री देवी ने ‘शिव-स्वरूप’ किया धारण
संजय कुँवर, ज्योर्तिमठ
ज्योर्तिमठ, बदरिकाश्रम, हिमालय
उत्तराम्नाय शंकराचार्य ज्योतिष्पीठ में आज शिवरात्रि के पावन अवसर पर अखिल कोटि ब्रह्माण्ड नायिका राजराजेश्वरी त्रिपुरसुन्दरी माता श्रीदेवी जी का आज भव्य श्रृंगार किया गया ।
शिव शब्द ही कल्याण का पर्याय है। अमरकोश कार ‘श्वःश्रेयसं शिवं भद्रं कल्याणं मंगलं शुभम् ‘ कहकर इन सभी शब्दों को समानार्थक कहते हैं।
हमारा कल्याण हो। हमारा मंगल हो। हमारा शुभ हो। यह कौन नहीं चाहता? यदि आपके मन में भी यह कामनाएं हैं तो आपको शिवाराधन करना चाहिए। शिव आराधना का सबसे बड़ा पर्व महाशिवरात्रि है। शिवपुराण की कोटि रुद्र संहिता में इस पर्व को विस्तार से बताया गया है।
वैसे तो प्रचलित अर्थ में ‘रात्रि’ तात्पर्य सूर्य किरणों की अनुपस्थिति वाले काल से है। पर महाशिवरात्रि, नवरात्रि आदि शब्दों में उच्चरित रात्रि शब्द का तात्पर्य -‘राति ददाति शुभम् अवसरं इति रात्रि:’ ही होता है। इसका मतलब भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का अवसर देने वाला महान पर्व। इस दिन- ‘शिवरात्रिव्रतं ह्येतत् करिष्येऽहं महाफलम्। निर्विघ्नमस्तु मे नाथ त्वत्प्रसादाज्जगत्पते’ कहकर संकल्प करें। फिर व्रतपूर्वक शिव पूजा करें तो भगवान शिव अवश्य अभीष्ट फल प्रदान करते हैं।
पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारकाशारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के शुभाशीर्वाद से उनके प्रतिनिधि पूज्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी महाराज के आदेशानुसार आज बडी धूम-धाम से इस पर्व को मनाया गया ।
शिवरात्रि महापर्व पर मठ में स्थित तोटकाचार्य जी महाराज की गुफा मे विराजमान ज्योतिरीश्वर महादेव का रात्रि के चारों प्रहर महापूजा और दूध से अभिषेक किया जाएगा ।
रात्रि पर्यन्त महिला मंगल दल के द्वारा भजन कीर्तन किए गए ।
सभी कार्यक्रम में उपस्थित रहे सर्वश्री दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज, मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, विष्णुप्रियानन्द ब्रह्मचारी जी, कुशलानन्द बहुगुणा जी, वाणीविलास डिमरी जी, शिवानंद उनियाल जी, जोशी जी, महिमानन्द उनियाल जी, जगदीश उनियाल जी, अरुण ओझा जी, प्रवीण नौटियाल जी, अभिषेक बहुगुणा जी आदि
महाशिवरात्रि में शिव-शक्ति की की कृपा सबको प्राप्त हो ।