ऊखीमठ : केदार घाटी की सुरम्य वादियों में बसे तीर्थ स्थल जमदग्नेश्वर महादेव मन्दिर में ब्रह्मचारी ज्ञानान्द महाराज व जामू के ग्रामीणों के सयुंक्त तत्वावधान में आयोजित रूद्र महायज्ञ का पूर्णाहुति के साथ समापन हो गया है, जबकि श्रीराम कथा का मंगलवार को पूर्णाहुति के साथ समापन होगा।
रूद्र महायज्ञ व श्रीराम कथा के आयोजन से फाटा क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। सोमवार को आचार्य अमन अवस्थी, दीपांक अवस्थी, संजय कुमार्चली के नेतृत्व में 18 सदस्यीय विद्धान आचार्यों द्वारा ब्रह्म बेला पर पंचाग पूजन के तहत ब्रह्मा,विष्णु तथा महेश के साथ ही तैतीस कोटि देवी – देवताओं का आवाह्न किया गया तथा ठीक दस बजे से रूद्र महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। विद्वान आचार्यों द्वारा हवनकुण्ड में जौ, तिलहन, चन्दन , पुष्प,अक्षत्र सहित अनेक प्रकार की पूजा सामाग्रियों की आहूतियां डालकर विश्व कल्याण व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की गई। दोपहर ठीक एक बजे हवन कुण्ड में कई कुन्तल हवन सामाग्री तथा घी की विशाल आहूतियां देते ही कई देवी – देवताओं नर रूप में अवतरित हुए तथा हवन कुण्ड की परिक्रमा कर भक्तों को आशीष दिया। नर रूप कई देवी – देवताओं के अवतरित होने पर ऐसा आभास हो रहा था कि सम्पूर्ण देव लोक पृथ्वी पर उतर आया हो। हवन कुण्ड में विशाल आहूतियां देने के साथ ही 11 दिवसीय रुद्र महायज्ञ का पूर्णाहुति के साथ समापन हो गया। श्रीराम कथा की महिमा का गुणगान करते हुए अयोध्या के 15 वर्षीय बाल ब्यास प्रज्ञा शुक्ला ने कहा कि जहा सुमित तहा सम्पत्ति दाना, जहाँ कुमति तहां विपति निधाना! उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र का जो मनुष्य सच्चे मन से क्षण भर के लिए भी स्मरण करता है वह मनुष्य सांसारिक सुखों को भोग कर अन्त में मोक्ष को प्राप्त होता है। श्रीराम कथा में राहुल, अमित, संजय द्वारा ध्वनि पर साथ दिया जा रहा है ! इस मौके पर प्रधान विनीता रमोला, पूर्व प्रधान पशुपतिनाथ कुर्माचली, क्षेत्र पंचायत सदस्य अनीता देवी, मन्दिर समिति अध्यक्ष सूरज नन्दवाण, उमेश चन्द्र कुर्माचली, प्रमोद कुर्माचली, जगत सिंह रमोला, शिवानन्द अथवाल, हीरा सिंह रमोला, दुर्गेश कुर्माचली, राजेन्द्र सिंह बर्त्वाल, महेन्द्र सिंह राणा, नितीन जमलोकी, योगेन्द्र वाजपेयी, विष्णु कान्त कुर्माचली, कुलदीप कुर्माचली, अरूण कुर्माचली सहित जामू गाँव के विभिन्न संगठनों पदाधिकारी, सदस्य व विभिन्न क्षेत्रों के सैकड़ों भक्त मौजूद थे।