विश्व में डिजिटल करेंसी पकड़ रही है रफ्तार
किसी भी देश के रिजर्व बैंक से नहीं है मान्यता
गैरसैंण
राजकीय महाविद्यालय गैरसैंण के फरकंडे परिषर में “डिजिटल करेंसी का भविष्य” विषय पर आयोजित संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डीसी पन्त ने कहा कि मौद्रिक व्यवस्था के तहत आज विश्व भर में आर्थिक लेन-देन डिजिटल करेंसी के तहत किया जा रहा है, जिसे वर्चुअल करेंसी अथवा लेखे की ईकाई के रूप में देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि क्रिप्टो बाजार में लगातार निवेशकों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। इस बख्त बाजार में कई क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। मौजूदा समय मे सबसे अधिक प्रचलित बिटकॉइन है। साल 2020 से ही बिटकॉइन में जबरदस्त तेजी देखी गई है। इसका मार्केट कैप करीब 1,084,798,217,674 डॉलर है। जब कि एक बिटकॉइन की कीमत करीब 57,825 डॉलर है। क्रिप्टोकरेंसी में बिटकॉइन सबसे ज्यादा महंगी और लोकप्रिय है।
महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग प्रभारी डॉ राम चन्द्र नेगी ने बताया कि भविष्य में अधिकांश आर्थिक लेन-देन डिजिटल करेंसी, क्रिप्टो करेंसी, ब्लाक चेंन टेक्नोलॉजी पर आधारित होंगी। माना जा रहा है कि यह एडवांस डिजिटल कोडिंग सिस्टम पर निर्भर करता है जो पूरी तरह सिक्योर बताया जाता है। अर्थशास्त्र विभाग के प्राध्यापक डॉ चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि डिजिटल मुद्राओं की लोकप्रियता निरन्तर बढ़ते जा रही है, जिसे खास किस्म के सॉफ्टवेयर द्वारा प्रयोग किया जाता है। डा विनोद फर्स्वाण ने कहा कि क्रीप्टो करेंसी में लेन-देन सम्बन्धी जानकारी कक कूटबद्ध तरीके से विकेंद्रीकृत डेटावेस में सुरक्षित रखा जाता है। उन्होंने बताया कि हालांकि दुनियां के किसी भी देश के रिजर्व बैंक ने अभी तक क्रीप्टो करेंसी को मान्यता नहीं दी है।
इस मौके पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में छात्रों ने डिजिटल करेंसी के लाभ व हानि पर विस्तार से चर्चा की। प्रतियोगिता में मनीष चंद्र, सानिया मिर्ज़ा व ज्योति अब्बल सावित हुए। मोके पर प्राध्यापक हुकम सिंह, डॉ निशा, अक्षय गुरुरानी, हरेश राम, गंगा, मुकेश त्रिपाठी, तरुण मोहन, योगेंद्र राणा, शिव सिंह व मनीष चंद सहित छात्र छात्राएं मौजूद रहे।