परिवर्तन की गवाह रही बदरीनाथ विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस की जीत के आसार
रणजीत नेगी
गोपेश्वर : चमोली जिले की तीन विधानसभा सीटों में सबसे प्रमुख मानी जाने वाली बदरीनाथ विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा मौजूदा विधायक महेंद्र प्रसाद को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद कांग्रेस अब अपनी जीत को आसान मान रही है। कांग्रेस एकमात्र दावेदार राजेंद्र भंडारी के कार्यों व सरकार की नाकामियों को लेकर जनता के बीच पहुंच बनाने में लगे हुए हैं। कांग्रेसियों का मानना है कि जो विकास कार्य पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए भाजपा ने सिर्फ उन विकास कार्यों पर शिलापटट लगाकर विकास को अवरुद्ध करने का कार्य किया है। लिहाजा इस बार बदरीनाथ विधानसभा की जनता कांग्रेस के सिर पर जीत का ताज पहनाएगी। भंडारी जनता के बीच लगातार सक्रिय होकर अपने विधायिकी व मंत्रित्व कार्यकाल के दौरान बदरीनाथ विधानसभा के लिए किए गए कार्यों पर वोट मांग रहे हैं। प्रत्येक बार परिवर्तन की गवाह रही बदरीनाथ विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस की जीत के आसार दिख रहे हैं। हालांकि भाजपा प्रत्याशी अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों को जनता के बीच रखकर अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। कुल मिलाकर बदरीनाथ सीट पर इस बार कांग्रेस-भाजपा के बीच रोचक मुकाबला दिखने के आसार हैं।
बदरीनाथ विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी महेंद्र भटट के राजनीतिक सफर की बात करें तो वर्ष 2002 में नंदप्रयाग विधानसभा से बतौर भाजपा प्रत्याशी महेंद्र भटट ने कांग्रेस के सत्येंद्र बत्र्वाल को पराजित किया था। वर्ष 2007 में नंदप्रयाग विधानसभा से कांग्रेस ने राजेंद्र भंडारी को टिकट दिया और भाजपा ने दुबारा महेंद्र भटट पर दांव खेला। परंतु महेंद्र भटट यह सीट दुबारा कब्जाने में विफल रहे। राजेंद्र भंडारी ने उन्हें हराकर अपना राजनीतिक करिअर आगे बढ़ाया। 2012 के चुनावों से पहले परिसीमन में नंदप्रयाग सीट का बदरीनाथ व थराली विधानसभा में विलय होने के बाद कांग्रेस ने बदरीनाथ विधानसभा से राजेंद्र भंडारी पर ही अपना दांव खेला। हालांकि इन चुनावों में भाजपा ने महेंद्र भटट को टिकट की दौड़ से बाहर कर प्रेमबल्लभ भटट पर भरोसा जताया। इन चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी ने भाजपा को बुरी तरह से सिकस्त दी। 2017 के चुनावों में जब पूरा देश प्रधानमंत्री मोदी के विजन पर चल रहा था तब भाजपा ने फिर से महेंद्र भटट पर दांव खेला। कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी को टिकट दिया। इन चुनावों में मोदी लहर के चलते भाजपा बदरीनाथ सीट कब्जाने में कामयाब रही। वर्ष 2017 के चुनावों में कांग्रेस हारी जरूर, परंतु इन चुनावों में कांग्रेस का मत प्रतिशत बढ़ा। वर्ष 2012 में जीत के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी को 21492 मत मिले थे। जबकि 2017 के चुनावों में हार के बाद भी कांग्रेस का मत प्रतिशत बढ़कर 24042 रहा।
बदरीनाथ विधानसभा सीट के मतदाता प्रत्येक विधानसभा में परिवर्तन चाहते हैं। इस सीट पर एक बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस जीत हासिल करने में अभी तक कामयाब रही। इस मायने से भी देखा जाए तो इस बार कांग्रेस पार्टी की जीत की संभावना अधिक दिख रही है। कांग्रेस के एकमात्र संभावित उम्मीदवार पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र सिंह भ्ंडारी के विधायक व मंत्री रहते हुए चमोली जिले में ऐतिहासिक कार्य हुए। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भंडारी ने जिले को सरकारी इंजीनियरिंग कालेज कोठियालसैंण में दिलाया। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व कार्य करते हुए उन्होंने इसी दौरान गोपेश्वर के पठियालधार में नर्सिंग कालेज खुलवाया। नर्सिंग कालेज खुलने के बाद एएनएम, जेएएएम के लिए यहां के युवाओं को बाहरी जनपदों व राज्यों की दौड़ नहीं लगानी पड़ी। बदरीनाथ विधानसभा में जीत दर्ज कराने में हर बार महत्वपूर्ण भूमिका में रहे जोशीमठ विकासखंड को उन्होंने ओबीसी का दर्जा दिलाया। पोखरी विकासखंड में बी फार्मा का शासनादेश जारी कराया। पोखरी, जोशीमठ व दशोली तीनों विकासखंडों में पालीटेक्निक कालेजों को स्वीकृति दिलाई। इन्हीं मुददों पर पूर्व मंत्री भंडारी इस बार जनता के बीच जाकर अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। इधर, भाजपा के उम्मीदवार महेंद्र प्रसाद पांच साल बदरीनाथ का विधायक रहते हुए सड़कों का जाल फैलाने व प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए कार्यों को मुख्य मुददा बनाकर जनता के बीच वोट मांग रहे हैं।