लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ
काली माई कीर्तन मण्डली कालीमठ से जुड़ी नौ सदस्यीय दल ने पहाड़ की पौराणिक वेशभूषा में देव सेनापति भगवान कार्तिक स्वामी तीर्थ में पूजा – अर्चना कर पुण्य अर्जित किया तथा धार्मिक भजनों के माध्यम से भगवान कार्तिक स्वामी की महिमा का गुणगान किया। पहली बार कार्तिक स्वामी तीर्थ पहुंची नौ सदस्यीय महिलाओं का दल कार्तिक स्वामी तीर्थ के प्राकृतिक सौन्दर्य को निहार अभिभूत हुई। पहाड़ की पौराणिक वेशभूषा पहनकर कार्तिक स्वामी तीर्थ पहुंचीं काली माई कीर्तन मण्डली अध्यक्ष विनीता राणा ने तुम रैंदा प्रभु ऊंचा कैलाशौं धार्मिक भजन से भगवान कार्तिक स्वामी की महिमा का विस्तृत वर्णन किया। गुड्डी देवी ने जै स्वामी नाथ तेरी पूजा धार्मिक भजन की प्रस्तुति देकर सभी को भावुक कर दिया। गौरा देवी ने कैलाश छोड़ी तू क्रौंच में आई भजन से भगवान कार्तिक स्वामी की महिमा का गुणगान बडे़ भावुक क्षणों से किया। लक्ष्मी देवी ने भगवती काली की महिमा पर आधारित भजन कालीमठ की काली मां तू दैंणा ह्वै जैई से भगवती काली की महिमा का गुणगान किया। मंजू देवी ने बारों मैना ह्यूद ही रैदा तेरा ऊंचा कैलाशौ धार्मिक भजन से भगवान केदारनाथ की महिमा का गुणगान किया। कलावती देवी ने मेरे भोले बाबा गये कैलाश धार्मिक भजन से भगवान शंकर की महिमा का गुणगान किया।आशा देवी ने बताया कि हम पहली बार कार्तिक स्वामी तीर्थ के दर्शन के लिए गये थे उस तीर्थ में पहुंचने पर मन को अपार शान्ति मिली है। कल्पेश्वरी देवी ने बताया कि कार्तिक स्वामी तीर्थ में ऐड़ी आंछरियों की पूजा का भी विधान है। विमला देवी ने बताया कि क्रौंच पर्वत तीर्थ में देव सेनापति भगवान कार्तिक स्वामी निर्वाण रुप में पूजे जाते हैं जबकि दक्षिण भारत में भगवान कार्तिक स्वामी वाल्यावस्था में पूजित है। कार्तिक स्वामी तीर्थ के पुजारी नन्दन पुरी ने नौ सदस्यीय दल को कार्तिक स्वामी तीर्थ की महिमा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। स्थानीय व्यापारी नीरज नेगी व कार्तिकेय कीर्तन मण्डली अध्यक्ष ग्वास राजेश्वरी देवी ने दल को क्रौंच पर्वत तीर्थ के प्राकृतिक सौन्दर्य से रूबरू करवाया।