उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से हर वर्ष की भांति 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर जिला उपभोक्ता फोरम कार्यालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने संशोधित उपभोक्ता अधिनियम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उपभोक्ता जागरूकता के बारे में विचार विर्मश भी किया गया। भारत में 1986 से 24 दिसंबर का दिन राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है।
जिला उपभोक्ता आयोग के वरिष्ठ सदस्य एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष क्रांति भट्ट ने कहा कि उपभोक्ताओं को जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावट, नापतोल में गड़बडी, बगैर मानक वस्तुओं की बिक्री, गांरटी या वांरटी के बाद सेवा प्रदान न करना जैसी अनेक समस्याओं का सामना करना पडता है। इन समस्याओं से उन्हें निजात दिलाने और उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए यह दिवस मानाया जाता है। वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज भट्ट ने उपभोक्ता अधिनियम-2019 के नए प्राविधानों की विस्तृत जानकारी दी। जिला पूर्ति अधिकारी ने सरकार द्वारा पूर्ति विभाग के माध्यम से आज जनता के लिए संचालित खाद्य योजनाओं एवं खाद्य सुरक्षा नियमों के बारे में बताया। जिला उपभोक्ता आयोग के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दिनेश पासवान ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि जिला उपभोक्ता आयोग चमोली का गठन 1990 में हुआ था। तब से लेकर वर्तमान तक 1582 शिकायतें दर्ज हुई, जिसमें 1512 को निस्तारण किया जा चुका है और 72 मामलों में कार्रवाई गतिमान है।
इस दौरान जिला उपभोक्ता आयोग के वरिष्ठ सदस्य क्रांन्ति भट्ट, सदस्य चन्द्रकला खंडूरी, जिला पूर्ति अधिकारी शशिकला फर्स्वाण, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बीएस रावत, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश पुजारी, जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज भट्ट, पूर्व सदस्य जिला आयोग धूम सिंह नेगी आदि मौजूद थे।