किसान दिवस पर ‘मृदा परीक्षण एवं पोषण’ को समर्पित रहा 600 वां योगाहार उत्सव
हरिद्वार। 23 दिसम्बर किसान दिवस के अवसर पर पतंजलि स्वैच्छिक योगाहार के 600 दिवस पूर्ण हुए। इस अवसर को ’मृदा परीक्षण एवं पोषण’ के रूप में मनाया गया। जिसमें योगाहार के नियमित सदस्य और कृषक बंधु, एवं पतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट(पोरी) की टीम उपस्थित रही। इस अवसर पर योगाहार के वरिष्ठ सदस्य एवं पोरी के मुख्य महाप्रबंधक श्री पवन कुमार जी ने सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी। उनका कहना था कि योग और आहार पर चर्चा और व्यावहारिक दृष्टि से अभी तक इस कार्यक्रम में विविध विषयों का संयोजन हुआ है। उन्होंने योगाहार की सफलता के लिए सभी सदस्यों के योगदान और सुझावों को महत्वपूर्ण बताया। शुरूआत में महाप्रबंधक श्री विवके वेनीपुरी जी ने सभी का स्वागत किया, योगाहार कार्यक्रम के बारे में बताया और संचालन सम्भाला।
डा. आर.के शुक्ला ने मृदा परीक्षण और उसके महत्व पर बात रखी। कि किसान को पोषक तत्वों की जानकारी होना जरूरी है। पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा से मृदा प्रबंधन सुव्यवस्थित होता है। मिट्टी के गुणों के अनुसार फसलों का सही चयन करके किसान अच्छा उत्पादन ले रहे हैं।
श्री अभिराज कम्बोज ने मिट्टी परीक्षण के व्यवहारिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। कि पोरी टीम द्वारा हरिद्वार के गांवों में 1 लाख 60 हजार खसरों के मिट्टी की जांच की जा रही है जिसमें से अबतक 50 हजार सैम्पल की जांच हो चुकी है। कुमारी नीमा ने साॅयल टेस्टिंग एवं धरती के डाॅक्टर के बारे सम्पूर्ण जानकारी दी। वहीं डा. मनोहर राठी ने पोरी स्थित आधुनिक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की जानकारी दी। कहा कि किसान यहां न्यूनतम शुल्क में अपने खेत की जांच करा सकता है, जिसकी रिर्पोट उसे दो सप्ताह के भीतर दी जाती है। कुमारी अपूर्वा ने नेपाल स्थित मनराशिवसा नगर पालिका के किसानों के साथ मृदा परीक्षण व प्रशिक्षण का व्यौरा दिया। श्री दीपक वशिष्ठ ने सॉयल हेल्थ कार्ड वितरण और साॅयल रिपोर्ट के आधार पर किसानों को दिये जाने वाले परामर्श पर अपनी बात रखी। योगाहार के नियमित सदस्य श्री मुन्नीलाल यादव जी ने योगाहार मंच पर खुली चर्चा को आगे बढ़ाया जिसमे सदस्यों ने मिट्टी के विविध गुणों पर अपनी बात साझा की। अंत मे श्रीमती रंजना किन्हीकर ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इससे पहले योग के सत्र में नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश से योगाचार्य श्री कमलेश गौर ने योग कराया।
बताया गया कि दैनिक स्वैच्छिक योगाहार कार्यक्रम समय-समय पर अलग-अलग थीम को लेकर उत्सव के साथ मनाया जाता रहा है। विगत 9 अक्टूबर 2022 को 525 वां दिवस मध्यप्रदेश के इटारसी में ’प्राकृतिक/जैविक खेती में राष्ट्रीय संगोष्ठी के रूप (पहली बार आॅफलाइन) में सम्पन्न हुआ था। योगाहार कार्यक्रम में हर दिन नए योग शिक्षक एवं नए मुख्य अतिथियों ने योग के साथ ही आहार, खेती, स्वास्थ्य, पर्यावरण, बीज, खाद, जैविक उत्पाद, जल, जमनी, जंगल से लेकर संस्कृति संरक्षण एवं सनातन के गौरवमयी इतिहास पर अभिव्यक्ति दी गई है। साथ ही सदस्यों और विद्यार्थियों ने किसानों की केस स्टडी तैयार कर उनका किसानों से पुष्टिकरण भी योगाहार के मंच पर किया है। इस आॅनलाइन कार्यक्रम से किसान, वैज्ञानिक, स्वास्थ्यकर्मी, व्यूरोक्रेट्स, नीति निर्माता, पदम श्री पुरस्कार प्राप्त व्यक्तित्व से लेकर विद्यार्थी और शिक्षक मनोयोग और समर्पित भाव से जुडे़ हैं। योगाहार कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों के साथ ही नेपाल, अमेरिका, कनाडा, सिंगापुर से भी योग शिक्षक एवं मुख्य अतिथियों ने भी प्रतिभाग किया है।