मिशन शिक्षण संवाद की प्रादेशिक उन्नयन गोष्ठी हुई सम्पन्न
गौचर : स्वयंसेवी शिक्षकों के गैर राजनीतिक संगठन मिशन शिक्षण संवाद की एक दिवसीय गोष्ठी व बालरत्न सम्मान समारोह डायट गौचर के सभागार में सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डायट गौचर के प्राचार्य आकाश सारस्वत ने कहा कि आज शिक्षा व शिक्षकों पर भावी पीढ़ी के साथ वर्तमान पीढ़ी को नैतिक शिक्षा देने की बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि संयुक्त परिवारों के टूटने से समाज में कई समस्याएं और अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल नारी सम्मान के नारों से समाज का भला नहीं होने वाला। उन्होंने कहा कि परिवार समाज व विद्यालय को नारी शक्ति का सम्मान सिखाने के साथ – साथ आदत व व्यवहार में समाहित करने के लिए कार्य करना होगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विख्यात संस्कृति कर्मी, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित, हे०न०व०ग०वि० के प्रोफेसर (डॉ०) दाता राम पुरोहित ने कहा कि मिशन शिक्षण संवाद शिक्षा के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सभी का ध्यान अंग्रेजी शिक्षा की ओर है उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे समय में कक्षा 6 से अंग्रेजी अध्ययन प्रारंभ होता था , लेकिन हमने बहुत जल्द ही अंग्रेजी भाषा पर अधिकार कर लिया। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण अंग्रेजी भाषा सीखना नहीं बल्कि ज्ञान अर्जित करना है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अंग्रेजी केवल और केवल भाषा मात्र है जिसे हम ज्ञान मान लेते हैं। उन्होंने भारतीय भाषाओं में अध्ययन की वकालत करते हुए कहा कि भारतीय भाषाओं में अध्ययन करते हुए सरलता से ज्ञानार्जन कर सकते हैं। कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी चमोली कुलदीप गैरोला ने कहा मिशन शिक्षण संवाद के कार्य सराहनीय होने के साथ अनुकरणीय भी हैं। मुख्य शिक्षा अधिकारी रूद्रप्रयाग प्रमेन्द्र बिष्ट ने कहा यदि हमारे विद्यालय भौतिक रूप से सुदृढ़ बनें तो हमारा अकादमिक स्तर भी बढ़ेगा।गोष्ठी में प्रदेश भर के दो सौ से अधिक शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।
मिशन शिक्षण संवाद के कुमाऊँ संयोजक सन्तोष जोशी ने मिशन शिक्षण संवाद द्वारा छात्रों व उनके मार्गदर्शक शिक्षकों को दिये जाने वाले विभिन्न सम्मान कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। गढ़वाल संयोजक माधव सिंह नेगी ने मिशन शिक्षण संवाद की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक 7 सैकड़े से अधिक बच्चों को बाल रत्न सम्मान से नवाजा जा चुका है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए रूद्रप्रयाग के वरिष्ठ शिक्षक सारा भाई टीचर साइन्टिस्ट नेशनल अवार्ड तथा न्यूज पेपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा प्रेरक लेखन के लिए राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित शिक्षक हेमंत चौकियाल ने कहा कि मिशन शिक्षण संवाद ने शिक्षकों को कोरोना काल में भविष्य की जरूरत ऑन लाइन शिक्षण प्रणाली में कुशल बनाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य करते हुए, शिक्षकों का आत्मविश्वास बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
कार्यक्रम में विभिन्न जनपदों के संयोजक व वर्किंग कमेटी के सक्रिय सदस्य चम्पावत से आर ०सी०जोशी,वंदना जोशी, पुष्पा तिवारी, अल्मोड़ा से डॉ० सुमन बिष्ट,निधि बिष्ट, पौड़ी रीता सेमवाल, टिहरी डॉ० माला मंमगांईं, चमोली से श्वेता रावत, बीना मैठाणी, सरोज डिमरी सुमनलता सती, रूद्रप्रयाग से कमल सिंह बिष्ट, माधव सिंह नेगी, हेमंत चौकियाल, विष्णु दत्त जमलोकी, एकता भण्डारी, देवेश्वरी सेमवाल, अंजू शाह, कुसुम भट्ट, रेखा पुरोहित,सनोज गुसाईं, देहरादून अरुण कुमार मिश्रा, ऊषा गौड़, उर्मिला डिमरी, पौड़ी रीता सेमवाल, जे०पी०कुकरेती, उषा सागर, माधुरी नैथानी, किरण नैथानी, विनिता मेहरा, सरिता मैंदोला, कुसुम लता काला, टिहरी अंजू बाला, डॉ० माला मंमगांईं, जगदीश वर्धन, नैनीताल से संतोष जोशी, सुनीता भटनागर, भावना पाण्डे सहित 2 सौ से अधिक शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। मेजबान जनपद की संयोजक श्वेता रावत व बीना मैठाणी ने सभी का आभार व धन्यवाद किया।कार्यक्रम में 7शिक्षकों को अनमोल शिक्षक रत्न सम्मान, 7 विद्यालयों को मेरा विद्यालय मेरा गौरव सम्मान, 63 छात्रों को बालरत्न सम्मान, 5 दानी दाताओं को ग्राम दानरत्न सम्मान, एक आंगनवाड़ी को ग्राम शैक्षिक रत्न सम्मान व 60 शिक्षकों को उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को सम्पन्न करवाने में डायट गौचर के प्राचार्य आकाश सारस्वत सहित समस्त डायट फैकल्टी व डी एल एड प्रशिक्षुओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।