ऊखीमठ : पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ के मन्दिर में अभी तक 13,656 तीर्थ यात्रियों ने पूजा – अर्चना जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित किया। तुंगनाथ धाम सहित तुंगनाथ घाटी के यात्रा पड़ावों पर इस वर्ष भारी संख्या में तीर्थ – यात्रियों व सैलानियो की आवाजाही होने से यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटी हुई है।12 मई को यदि कुण्ड – चोपता – गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग पर संसारी – जैबरी के मध्य चट्टान खिसकने से आवागमन बाधित नहीं होता तो तुंगनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में और अधिक वृद्धि हो सकती थी।
बता दें कि पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात व चन्द्र शिला की तलहटी में बसे भगवान तुंगनाथ के कपाट 6 मई को ग्रीष्मकाल के लिए खोले गये थे तथा मात्र 54 दिनों की अवधि में 13 हजार 656 तीर्थ यात्रियों ने भगवान तुंगनाथ के दर पर पहुँच कर पूजा – अर्चना व जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित किया। तुंगनाथ धाम के प्रबन्धक बलवीर नेगी ने बताया कि भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलते ही प्रतिदिन 250 से लेकर 300 तीर्थ यात्री तुंगनाथ धाम पहुंचे थे मगर इन दिनों तीर्थ यात्रियों के आवागमन में कुछ गिरावट देखने को मिल रही है फिर भी 80 से लेकर 120 तीर्थ यात्री प्रतिदिन तुंगनाथ धाम पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि तुंगनाथ धाम आने वाला 62 प्रतिशत तीर्थ यात्री चन्द्र शिला की खूबसूरती से भी रुबरु हो रहा है। तुंगनाथ घाटी के व्यापारी प्रदीप बजवाल ने बताया कि विगत दो वर्षों से वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण तुंगनाथ घाटी वीरान रही मगर इस बार तुंगनाथ घाटी में क्षमता से अधिक सैलानियों के पहुंचने से तुंगनाथ यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटी हुई है। स्थानीय व्यापारी मनोज मैठाणी, मोहन मैठाणी ने बताया कि तुंगनाथ घाटी पहुंचने वाला तीर्थ यात्री व सैलानी तुंगनाथ घाटी की प्राकृतिक छटा से रुबरु होकर अपने को धन्य महसूस करता है। बताया कि यदि तुंगनाथ घाटी में विद्युत व संचार सुविधाएं उपलब्ध होती है तो स्थानीय तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय में और अधिक इजाफा हो सकता है। स्थानीय व्यापारी प्रतिपाल सिंह बजवाल, दिनेश बजवाल ने बताया कि तुंगनाथ घाटी पहुंचने वाला तीर्थ यात्री व सैलानी चन्द्र शिला के शीर्ष से सूर्योदय के समय वहां के प्राकृतिक सौन्दर्य रूबरू होने का अधिक शौकीन होता है।